बारिश
के बाद मच्छरों से होने वाली बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। हर घर में बुखार, बदन दर्द की शिकायतें मिल रही हैं।
डेंगू, चिकनगुनिया के साथ ही राजधानी में मलेरिया भी पांव पसार
रहा है। इस साल मलेरिया के अब तक नौ मामले पॉजिटिव रिपोर्ट हो चुके हैं, जबकि पीछे पांच सालों में मलेरिया के 840 मामलों की पुष्टि
की जा चुकी है। इस वर्ष मलेरिया से दो मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं डेंगू के कुल
771 मरीज देखे गए हैं। चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या बढ़कर
660 हो गई है। दिल्ली नगर निगम के जनसम्पर्प विभाग के प्रवक्ता योगेन्द्र
सिंह मान ने बताया कि जुलाई में मलेरिया से मौत के आंकड़ों को शामिल नहीं किया गया।
मलेरिया भी मादा एडीज कारक संक्रामक बुखार है। मलेरिया की जांच के लिए रैपिड टेस्ट
को जरूरी बताया गया है। इस जांच में खून की लाल रक्त कणिकाओं को गिना जाता है। निगम
की साप्ताहिक रिपोर्ट में डेंगू के मरीजों की कुल संख्या 771 बताई गई है। जुलाई के आखिरी दो हफ्तों में हुई बारिश और उसके बाद बढ़ी उमस
में मच्छरों की ब्रीडिंग में वृद्धि देखी गई है। श्री मान ने बताया कि 284 नए मरीजों को मिलाकर डेंगू मरीजों का आंकड़ा 771 तक पहुंच
गया है। जबकि इस बार चिकनगुनिया के मरीजों में भी वृद्धि देखी गई। रिपोर्ट में चिकनगुनिया
के 560 नए मरीज देखे गए हैं। इस हफ्ते डेंगू से मरने वालों की
संख्या बढ़कर चार हो गई है। बीते हफ्ते ओखला क्षेत्र के युवक की डेंगू से हुई मौत की
आधिकारिक पुष्टि की गई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉ. अनिल
बंसल का कहना है कि डेंगू की सटीक पहचान प्लेटलेट्स का काउंट कम होने पर मानी जाती
है, जबकि रेड बुखार में प्लेटलेट्स का स्तर 1.20 से 1.55 लाख तक देखा गया है। कम से कम 15 दिन के बुखार में पांचवें या छठे दिन तेजी से प्लेटलेट्स की संख्या में परिवर्तन
देखा जा सकता है। बुखार के शिकार 80 प्रतिशत मरीजों में एक जैसे
लक्षण दिखाई देते हैं। मगर हर बुखार डेंगू या चिकनगुनिया नहीं होता। मैक्स अस्पताल
के इंटर्नल मेडिकल विभाग की डॉ. सुप्रिया बाली ने बताया कि बुखार
के 70 प्रतिशत मरीजों में चेहरे पर लालिमा व जोड़ों में सूजन
देखी जा सकती है। मगर ऐसे अधिकांश मरीजों में डेंगू या चिकनगुनिया की पुष्टि नहीं होती।
डेंगू में हल्के बुखार के साथ थकावट और लाल चकते होते हैं। मादा एडीज के काटने के तीन
दिन बाद असर दिखता है। बुखार के चौथे दिन भूख में कमी और जोड़ों में दर्द होती है।
आंखों के ऊपरी हिस्से में दर्द और खिंचाव होता है। तेजी से रक्तचाप का कम होना और चेहरे
पर लालिमा दिखना इसका प्रमुख लक्षण है। चिकनगुनिया में बुखार का असर कम जबकि जोड़ों
का दर्द ज्यादा होता है। मादा एडीज के काटने के 48 घंटे के अंदर
बुखार आता है। बुखार के चौथे दिन शरीर में जकड़न और मांसपेशियों में खिंचाव आदि महसूस
होता है। महत्वपूर्ण यह है कि हर बुखार डेंगू या चिकनगुनिया नहीं होता।
-अनिल नरेन्द्र
No comments:
Post a Comment