इसी साल नवम्बर में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव
होने हैं। डोनाल्ड ट्रंप और हिलेरी क्लिंटन के बीच कांटे की लड़ाई चल रही है। बराबरी
के चल रहे मुकाबले में कौन भारी पड़े यह कहना मुश्किल है। वहीं राष्ट्रपति बराक ओबामा
अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में चल रहे हैं। इस लिहाज से एशिया का उनका हालिया दौरा
शायद इस क्षेत्र का आखिरी दौरा भी था। लेकिन इस दौरे में दुनिया के सबसे ताकतवर देश
और सबसे ताकतवर राष्ट्रपति को जिस अपमान से दो-चार होना पड़ा, वैसा तो उनके पूरे दो कार्यकाल में कभी
नहीं हुआ। शुरुआत चीन में हुई। ओबामा चीन के हांगझाऊ में जी-20 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे। जब ओबामा का विमान एयरफोर्स वन पहुंचा
तो हवाई अड्डे पर विशेष अतिथियों को विमान से उतारने के लिए न तो कोई बड़ी सीढ़ी का
प्रबंध था जो आमतौर पर किया जाता है और उन्हें विमान के सामने की बजाय उसके नीचे से
छोटी सीढ़ियों के जरिये उतरना पड़ा। विमान से उतरने के बाद एक लाल कारपेट लगाया जाता
है, वह भी नहीं लगाया गया। चीन द्वारा प्रोटोकॉल के उल्लंघन की
अमेरिकी मीडिया में खासी आलोचना हुई। राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ रहे बड़बोले डोनाल्ड
ट्रंप ने तो यहां तक कहा कि अगर वह ओबामा की जगह होते तो वहीं से वापस आ जाते। चीन
के बाद ओबामा को कुछ और देशों से होते हुए एक क्षेत्रीय सम्मेलन में शामिल होने के
लिए लाओस पहुंचना था। सम्मेलन में अन्य देशों के अलावा फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो
दुतेर्ते को भी भाग लेना था। सम्मेलन के दौरान ही जैसा ऐसा सम्मेलनों में होता है,
साइड में राष्ट्राध्यक्षों की अनौपचारिक मुलाकातें होती हैं। हमारे प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी भी राष्ट्रपति ओबामा से मिले थे। रोड्रिगो दुतेर्ते ने सम्मेलन के दौरान
ही ओबामा के लिए अपशब्दों का खुलकर इस्तेमाल किया और यहां तक कि गंदी गाली तक दे डाली।
लिहाजा मुलाकात रद्द हो गई। हमें हैरानी इस बात पर है कि दुतेर्ते राजनीति के पुराने
खिलाड़ी हैं। वह पांच बार फिलीपींस के राष्ट्रपति रह चुके हैं। उनसे उम्मीद की जाती
है कि वह कूटनीतिक परिपक्वता का परिचय देते। पर वह तो अपना आपा खो बैठे। ओबामा के खिलाफ
अपशब्दों का इस्तेमाल उन्होंने इसलिए किया कि उन्होंने फिलीपींस में मानवाधिकारों का
सवाल उठाया था। दुतेर्ते के ताजा कार्यकाल में 2500 लोग मारे
जा चुके हैं। यह सब मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई के बहाने। पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र
महासचिव बॉन की मून जब फिलीपींस आए तो दुतेर्ते ने सिर्प इसलिए उनसे मिलने से मना कर
दिया कि उन्होंने भी मानवाधिकार का मुद्दा उठाया था। अपने एक वाक्य से दुतेर्ते ने
न सिर्प ओबामा व अमेरिका को नाराज किया, बल्कि अपने पांवों पर
भी कुल्हाड़ी मार ली। यह दुख की बात है कि अपने कार्यकाल के अंतिम महीनों में राष्ट्रपति
बराक ओबामा का अपने देश और विदेश दोनों जगह इस तरह अपमान किया जा रहा है।
-अनिल नरेन्द्र
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