Saturday 3 September 2016

बलूचिस्तान, गिलगित-बाल्टिस्तान, गुलाम कश्मीर के बाद अब सिंध

बलूचिस्तान, गिलगित-बाल्टिस्तान के बाद गुलाम कश्मीर और अब सिंध में भी पाकिस्तान से आजादी की मांग जोर पकड़ने लगी है। कट्टरपंथियों की प्रताड़ना से आजिज आकर सिंध के मीरपुर खास में सोमवार को स्थानीय लोगों ने अलग सिंध देश बनाने की मांग करते हुए नारे लगाए, प्रदर्शन किए। यही नहीं, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के विरोध में सिंधी और बलूच नेताओं ने ब्रिटेन में चीनी दूतावास के सामने प्रदर्शन किए। बता दें कि सिंध पाकिस्तान का दक्षिण-पूर्व प्रांत है। पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सिंध का लगभग 30 फीसदी योगदान है। देश के चार प्रांतों में क्षेत्रफल के हिसाब से यह तीसरे नम्बर पर है। यह इलाका भारत से गए मुसलमानों और पाकिस्तान के हिन्दुओं का गढ़ है। पाकिस्तान के 93 फीसदी हिन्दू यहां रहते हैं। वैसे प्रांत की आबादी का कुल पांच प्रतिशत ही हैं हिन्दू। आजादी से पहले यहां गुजराती व्यवसायियों की बड़ी संख्या थी। लंदन में प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारे लगाए। इस दौरानöहै हक हमारा आजादी और सीपीईसी नहीं चाहिए के नारे लगे। प्रदर्शनकारियों ने बलूचिस्तान के लिए पीएम मोदी के नारे भी लगाए। प्रदर्शनकारी कह रहे थे कि कदम बढ़ाओ मोदी जी, हम तुम्हारे साथ हैं। वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस के चेयरमैन लखु लुहाना ने कहा कि हम सीपीईसी (चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) प्रोजेक्ट को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे। उधर बता दें कि बलूचिस्तान पर चीन ने भारत को धमकी दी है। कहा कि अगर भारत की किसी भी हरकत से उसकी 46 बिलियन डॉलर (3,08,200 करोड़ रुपए) लागत वाली चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) परियोजना में गड़बड़ी पैदा होती है तो बीजिंग चुप नहीं बैठेगा। वह बलूचिस्तान मसले पर पाकिस्तान के साथ खड़ा हो जाएगा। दूसरों के भूभाग पर गिद्ध दृष्टि रखने वाले पड़ोसी देश पाकिस्तान की खुराफाती नतीजे के सामने उसके घर में ही अब आग लग गई है। अब उसका सिंध भी सुलग उठा है। अलग देश की मांग जोर पकड़ने लगी है। सरकार के शोषण से बलूचिस्तान काफी समय से परेशान हो रहा है। गुलाम कश्मीर के सुरम्य माहौल को बारूद की गंध ने दूषित कर दिया है। लोग सड़क पर उतर चुके हैं। पाकिस्तानी सेना बेदर्दी से सरकार विरोधी आंदोलनों को कुचल रही है। गिलगित और बाल्टिस्तान की तस्वीर भी कुछ ऐसी ही है। लोग वैश्विक समुदाय से गुहार लगा रहे हैं। विफल राष्ट्र का तमगा पा चुका पाकिस्तान चारों ओर से अपने ही लोगों से घिर चुका है। बता दें कि चीन जो आर्थिक गलियारा बना रहा है वह चीन के शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने के लिए गुलाम कश्मीर से गुजरता है।

No comments:

Post a Comment