Sunday, 4 September 2016

ब्रजपाल तेवतिया को मारने के लिए 100 गोलियां चलाई थीं

मुरादनगर शूटआउट में भाजपा नेता ब्रजपाल तेवतिया पर हुए हमले का मामला पुलिस ने लगभग सुलझा लिया है। हमले के मुख्य आरोपी मनीष को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने 11 जून 1999 को दिल्ली में अपने पिता सुरेश दीवान की हत्या का बदला लेने के लिए तेवतिया पर हमले की साजिश रची थी। हमले की योजना इस साल अप्रैल में तैयार की गई थी जो कई बार नाकाम हो चुकी थी। दो शार्प शूटरों को 10-10 लाख रुपए देकर उन्हें षड्यंत्र में शामिल किया गया था। मनीष की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने पूरी साजिश का पर्दाफाश किया। एसटीएफ के एसपी हिमांशु कुमार ने बताया कि मनीष ने खुलासा किया है कि उसके पिता सुरेश दीवान की दिल्ली के शकरपुर थाना क्षेत्र में हत्या कर दी गई थी। हत्या में ब्रजपाल तेवतिया को नामजद किया गया था। बाद में केस में अंतिम रिपोर्ट प्रेक्षित कर दी गई थी। इसके बावजूद मनीष ब्रजपाल तेवतिया को ही हत्या का दोषी मानता था। हमले के बाद से ही मनीष पुलिस से बचने के लिए जगह बदल रहा था और दो बार आत्मसमर्पण का प्रयास कर चुका था। इस बार भी मनीष अदालत में समर्पण के प्रयास में था। इसी दौरान एसटीएफ टीम ने मुरादनगर क्षेत्र से उसे गिरफ्तार कर लिया। ब्रजपाल तेवतिया पर हुए हमले में एसटीएफ और पुलिस टीम ने अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। चार माह से ब्रजपाल तेवतिया की सुरक्षा को ध्यान में रखकर साजिश रची जा रही थी। भाजपा नेता के साथ चलने वाले गनर के कारण बड़ा गैंग तैयार किया गया था और बुलैट प्रूफ पजेरो के शीशे तोड़ने के लिए फार्च्युनर में कुल्हाड़ी और हथौड़ा भी रखे गए थे। एसटीएफ एसपी हिमांशु कुमार ने बताया कि 11 अगस्त को जब ब्रजपाल पर हमला हुआ था उस दौरान वह स्कार्पियो में सवार थे। उनकी बुलैट प्रूफ पजेरो की विंड शील्ड का वाइपर काम नहीं कर रहा था। इसी कारण स्कार्पियो में निकले थे। चर्चा थी कि बदमाशों ने पजेरो में सवार न होने की जानकारी मिलने पर हमला किया था। आरोपियों ने पजेरो का शीशा तोड़ने के लिए फार्च्युनर में हथौड़ा व कुल्हाड़ी रखे हुए थे। आरोपियों की योजना थी कि दो लोग शीशे पर वार कर तोड़ देंगे और अन्य गोलियां चलाकर हमला करेंगे। गनर साथ होने की वजह से बड़ा गैंग बनाकर आधुनिक हथियारों से हमला किया गया था। इस हमले के लिए एक करोड़ रुपए जुटाने के लिए उसने अपनी जमीन भी बेच डाली थी। पिछले एक साल से वह हमले की तैयारी कर रहा था। हमले में ब्रजपाल तेवतिया को छह गोलियां लगीं जबकि उनके साथ कार में बैठे चार निजी सुरक्षाकर्मियों समेत पांच लोगों को भी गोलियां लगी थीं।

-अनिल नरेन्द्र

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