Thursday, 7 January 2021
रिलायंस की सफाई, कृषि कानूनों से हमारा लेना-देना नहीं
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अपनी सब्सिडियरी जियो इंफोकॉम के जरिए एक याचिका दायर की है। इसमें शासन से उपद्रवियों द्वारा तोड़फोड़ की गैर कानूनी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है। कंपनी का कहना है कि उपद्रवियों द्वारा की गई तोड़फोड़ और हिंसक कार्रवाई से उसके हजारों कर्मचारियों की जिन्दगी खतरे में पड़ गई है। साथ ही दोनों राज्यों में कम्युनिकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, सेल्स और सेवा आउटलेट के रोजमर्रा के कामों में व्यवधान पैदा हुआ है। याचिका में रिलायंस ने कहा कि देश में वर्तमान में जिन तीन कृषि कानून पर देश में बहस चल रही है। उनसे रिलायंस का कोई लेना-देना नहीं है, और न ही किसी भी तरह से उसे इनका लाभ पहुंचता है। कृषि कानूनों से रिलायंस का नाम जोड़ने का एकमात्र उद्देश्य हमारे व्यवसायों को नुकसान पहुंचाना और हमारी प्रतिष्ठा को तहस-नहस करना है। याचिका में यह भी कहा गया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रिलायंस रिटेल लिमिटेड, रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड और रिलायंस से जुड़ी कोई भी अन्य कंपनी न तो कॉरपोरेट का कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करती है और न ही करवाती है। और न ही भविष्य में इस बिजनेस में उतरने की कंपनी की कोई योजना है। सारा मामला किसान आंदोलन से जुड़ा है। कुछ तथाकथित किसानों ने पंजाब और हरियाणा के जियो टॉवर, जियो मॉल में तोड़फोड़ की है। इसी सिलसिले में रिलायंस ने भारती एयरटेल पर आरोप लगाया है कि जियो के खिलाफ तोड़फोड़ में उसका हाथ है। मुकेश अंबानी नियंत्रित टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो के टेलीकॉम टावर क्षतिग्रस्त कर दिए जाने के मामले में कंपनी और उसकी प्रतिस्पर्धियों एयरटेल में ठन गई है। भारती एयरटेल ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) को पत्र लिखकर जियो के आरोपों को बेबुनियाद और साख पर चोट पहुंचाने वाला बताया है। वहीं वोडाफोन-आइडिया ने भी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि वह टेलीकॉम इंफ्रा को नुकसान पहुंचने वाली गतिविधियों की निंदा करती है। कम्पनी ने कहा है कि जियो के आरोप मनगढंत और उसे नुकसान पहुंचाने वाली प्रकृति के हैं। टेलीकॉम सचिव अंशु प्रकाश को लिखे पत्र में उसने खंडन किया है कि जियो के टावरों की तोड़फोड़ में उसकी कोई भूमिका है। वर्तमान किसान आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों के एक वर्ग का मानना है कि सरकार नए कृषि कानूनों की आड़ में अडानी और अंबानी समेत चुनिंदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही है। इस बीच पंजाब, हरियाणा व कुछ अन्य जगहों पर करीब 1600 टावरों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। इनमें से अधिकांश मुकेश अंबानी नियंत्रित रिलायंस जियो के स्वामित्व वाले हैं। जियो का आरोप है कि उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियां ऐसा कर उसकी सेवा में बाधा डाल रही हैं। कंपनी के मुताबिक टावर मामले में एयरटेल, वोडा-आइडिया के चैनल पार्टनरों की प्रत्यक्ष भागीदारी है।
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