Saturday, 23 January 2021
बिडेन ने राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप के कई बड़े फैसले पलटे
अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति जो बिडेन ने पद्भार ग्रहण करते ही डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों को पलटने वाले आदेश जारी कर दिए। बिडेन ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद काम शुरू करने से पहले व्हाइट हाउस के लिए रवाना होते हुए सोशल मीडिया पर लिखाöहमें हमारे सामने मौजूद संकट से निपटना है, हमारे पास बर्बाद करने के लिए वक्त नहीं है। राष्ट्रपति बनने के बाद सबसे पहले उन्होंने 15 एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें कोरोना महामारी से निपटने में सरकार को मदद मिलने संबंधी ऑर्डर भी शामिल हैं। इसके अलावा इसमें जलवायु संकट और अप्रवासन संबंधी ट्रंप प्रशासन की नीतियों को बदलने के लिए नए आदेश भी शामिल हैं। इससे पहले ओवल ऑफिस (अपने दफ्तर) में काला मास्क पहनकर आए राष्ट्रपति बिडेन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी बड़ी प्राथमिकताओं में कोविड संकट, आर्थिक संकट और जलवायु संकट शामिल हैं। बुधवार को एक विशेष समारोह में जो बिडेन ने देश के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण की जिसमें कोविड-19 महामारी के कारण कम ही लोग उपस्थित थे। हालांकि तीन पूर्व राष्ट्रपति, बराक ओबामा, बिल क्लिंटन और जॉर्ज बुश उनके शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे। साथ ही ट्रंप प्रशासन में उपराष्ट्रपति रहे माइक पेंस भी इस दौरान मौजूद रहे। राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि न केवल ट्रंप प्रशासन के फैसलों से देश को जो नुकसान हुआ है उसे बदलने के लिए बल्कि देश को आगे बढ़ाने के लिए हम एक्शन लेंगे। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर उन्होंने सभी सरकारी दफ्तरों के परिसर में मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य कर दिया है। अब तक कोरोना वायरस के कारण अमेरिका में चार लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बिडेन ने फैसला लिया है कि महामारी पर प्रतिक्रिया के समन्वय के लिए एक नया ऑफिस स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से अमेरिका को अलग करने की जो प्रक्रिया डोनाल्ड ट्रंप ने शुरू की थी, बिडेन उस फैसले को खारिज करने के लिए एक्शन लेंगे। बिडेन ने बुधवार को एक साथ कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए। इसमें जहां प्रवासियों को राहत दी गई है, वहीं कई मुस्लिम देशों से यात्रा पर लगाया गया बैन हटा लिया गया है। कोरोना के खतरे को देखते हुए बिडेन ने देशभर में मास्क को अनिवार्य कर दिया है। साथ ही मैक्सिको की सीमा पर बन रही बाड़ के पैसे को भी रोक दिया है। बिडेन ने प्रवासियों को राहत देने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। इस आदेश से 1.1 करोड़ ऐसे प्रवासियों को फायदा होगा जिनके पास कोई कानूनी दस्तावेज नहीं है। इसमें करीब पांच लाख भारतीय हैं। बिडेन ने आव्रजन प्रणाली को पूरी तरह से बदलने की शुरुआत कर दी है। इसके साथ ही जो बिडेन ने घरेलू आतंकवाद और श्वेतों को श्रेष्ठ मानने वाली मानसिकता को परास्त करने का वादा किया। बिडेन ने दोनों चुनौतियों के खात्मे के लिए हर अमेरिकी से साथ आने की अपील की। इन कदमों के जरिये बिडेन अमेरिका को फिर से वैश्विक नेतृत्वकारी की भूमिका में चले आएं, पर अपने देश में विभाजित सोच को बदलने में वह कितना सक्षम होते हैं, इस पर भी बहुत कुछ निर्भर करेगा। जहां तक भारत की बात है, जो बिडेन के नेतृत्व में दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों के नई ऊंचाइयों पर पहुंचने की संभावना है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई देते हुए उम्मीद जताई है। बिडेन को अमेरिका और भारत के बीच संबंध सहज नहीं होंगे। बिडेन को अमेरिका के हितों को सर्वोपरि रखते हुए आगे बढ़ना है, लेकिन चीन और रूस के साथ वह कैसे शक्ति संतुलन बना पाते हैं, यही उनके कौशल की परीक्षा होगी। विभाजित अमेरिकी मानसिकता को सही करना होगा।
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