Friday, 15 January 2021
ड्रॉ मैच जीत से कम नहीं
दिल और मैदान में चोट लगने का दर्द सहकर भी भारतीय योद्धाओं ने सिडनी टैस्ट मैच ड्रॉ करा ही लिया। यह नतीजा किसी जीत से कम नहीं है। यह क्रिकेटरों के उस जुनून, साहस और धैर्य का प्रतीक बना, जो मुश्किल से मुश्किल हालात में भी लड़ना जानता है। बुलंद हौंसले के साथ चेतेश्ववर पुजारा (77) और ऋषभ पंत (97) की शतकीय साझेदारी से आगाज किया। वहीं हनुमा विहारी (23 नाबाद) ने मांसपेशियों के खिंचाव के बावजूद साबित कर दिया कि दौड़ नहीं सकते हैं तो क्या अंगद की तरह जमे तो रह सकते हैं। रविचंद्रन अश्विन (39) के साथ उन्होंने 259 गेंदों का सामना कर आजीवित 62 रन जोड़े। पैवेलियन तभी लौटे जब कप्तान टिम पेन ने स्वीकार कर लिया कि वो अब जीत नहीं सकते। रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंचे इस मैच के ड्रॉ होने के बाद चार मैचों की सीरीज 1-1 से बराबरी पर है। अब ब्रिस्वेन में 15 जनवरी से शुरू होने वाला चौथा और अंतिम टैस्ट मैच निर्णायक होगा। पंत की शानदार पारी के बाद विहारी और अश्विन ने जिस तरह विकेट पर डटने का जज्बा दिखाया वह लंबे समय तक याद रहेगा। डटे रहकर नया रिकॉर्ड बनाने के दौरान चोटिल होने पर भी हार नहीं मानी। इस प्रदर्शन के बाद अब 15 जनवरी में खेले जाने वाले चौथे टैस्ट में ऊंचे मनोबल के साथ टीम इंडिया उतरेगी। यह सही है कि टीम के कई वरिष्ठ खिलाड़ी चोटिल हो गए हैं पर इसके बावजूद टीम इंडिया के मनोबल में कोई कमी नहीं आई। यह टैस्ट लंबे समय तक याद रहेगा।
-अनिल नरेन्द्र
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