Tuesday 12 January 2021

लश्कर कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी पर पाक का ताजा पैंतरा

पाकिस्तान ने एक बार फिर वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (एफएटीएफ) से बचने का दिखावा किया है। मुंबई हमले के गुनहगार और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को पाकिस्तान में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। लखवी को पंजाब प्रांत के आतंकरोधी विभाग (सीटीडी) ने अपने शिकंजे में लिया। इस बार उस पर अपने दवा के व्यापार से जुटाए गए पैसों को आतंक की गतिविधियों में लगाने के आरोप में पकड़ा गया है। लखवी को 2008 में संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकवादी घोषित कर रखा है। दरअसल एफएटीएफ द्वारा काली सूची या ब्लैक लिस्ट किए जाने से बचने के लिए पाकिस्तान समय-समय पर ऐसी पैंतरेबाजी करता रहता है। एफएटीएफ में अपनी इमेज सुधारने की कोशिश में बेशक लखवी की गिरफ्तारी की गई हो पर जिस आरोप में लखवी को शनिवार को गिरफ्तार किया गया, वह पाक हुक्मरानों की कलई भी खोलती है। लखवी पर आरोप लगाया गया है कि वह एक निजी एजेंसी के जरिये आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा जुटा रहा है। दूसरी तरफ पाक एफएटीएफ के समक्ष पिछले दो साल से यह गवाही दे रहा है कि उसने आतंकी फंडिंग रोकने का हर मुमकिन रास्ता बंद किया हुआ है। भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि फरवरी 2021 की बैठक में इस बारे में पाक को सफाई देनी होगी। पाक को यह बताना होगा कि मुंबई हमले का मास्टर माइंड जिस पर पाकिस्तानी अदालत में मामला लंबित है, वह किस तरह से आतंकी फंडिंग कर रहा था? यह आरोप अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी की इस शंका को भी मजबूत करता है कि पाक में आतंकी फंडिंग रोकने को अब तक कोई पुख्ता उपाय नहीं किए गए हैं। गौरतलब है कि एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे सूची में शामिल किया था। मुंबई आतंकी हमले के मामले में गिरफ्तारी के आरोप में छह साल जेल में रहने के बाद लखवी 2015 में जमानत पर बाहर घूम रहा था। हालांकि उसकी इस गिरफ्तारी का मुंबई हमले के मामले में कोई संबंध नहीं है यानि सब कुछ बस दिखावे के लिए किया जाता है। इस बार भी पाकिस्तान ने ऐसा ही किया। जेल में गिरफ्तार आतंकवादियों को हर तरह की सुख-सुविधाएं मिल रही हैं। ग्रे सूची से निकलने के लिए पाकिस्तान इससे पहले मुंबई आतंकी हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद को आतंकी फंडिंग के मामलों में सजा देने का पहले भी नाटक कर चुका है। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद, मुंबई हमले के मास्टर माइंड जकी-उर-रहमान लखवी को सजा और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ जारी वारंट महज दिखावा है। यह कार्रवाई गैर-कानूनी लेन-देन पर नजर रखने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की फरवरी में होने वाली बैठक को देखते हुए की गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शुक्रवार को कहा कि इस कार्रवाई के समय का संकेत साफ है कि पाकिस्तान दिखावे के लिए यह सब कर रहा है, क्योंकि फरवरी में एफएटीएफ की बैठक है। पाकिस्तान की आतंक निरोधी अदालत ने लखवी को 15 साल जेल की सजा सुनाई है। इससे पहले भी पाक हाफिज सईद को ऐसे ही एक मामले में दिखावे के लिए सजा सुनाने का नाटक कर चुका है।

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