Saturday, 9 January 2021

अमेरिकी लोकतंत्र का काला दिन

अमेरिका के इतिहास में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जितना बवाल इस बार हुआ है, शायद ही कभी हुआ हो। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप डेमोक्रैट जो बाइडन की जीत स्वीकार करने को पहले ही तैयार नहीं थे लेकिन शायद ही किसी को अंदाजा होगा कि हालात इतने बिगड़ जाएंगे या बिगाड़ दिए जाएंगे। ट्रंप समर्थक बुधवार को जबरन संसद कैपिटल में घुस गए, हिंसा हुई और एक जान भी चली गई। इतिहासकार बताते हैं कि देश की संसद ने ऐसा हाल कम से कम 200 साल बाद पहली बार देखा है। यह घटना इतनी गंभीर है कि खुद रिपब्लिकन नेता लोकतंत्र पर हुए इस हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप को बाहर करने की मांग करने लगे हैं। कैपिटल हिल हिस्टॉरिकल सोसाइटी के डायरेक्टर ऑफ स्कॉलरशिप एंड ऑपरेशंस सैम्युअल डॉलिडे ने सीएनएन को बताया है कि 1812 के युद्ध के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि कैपिटल में इस तरह कोई दाखिल हुआ है। तब अगस्त 1814 में अंग्रेजों ने इमारत पर हमला कर दिया था और आग लगा दी थी। 1954 में हाउस ऑफ चैंबर में तीन पुरुष और एक महिला विजिटर गैलरी में हथियारों के साथ जाकर बैठ गए थे। प्योर्टो रीगन नेशनलिस्ट पार्टी के सदस्य देश की आजादी की मांग कर रहे थे। उन्होंने एक मार्च 1954 की दोपहर को सदन में ओपन फायरिंग कर दी और प्योर्टो रीगन का झंडा लहरा दिया था। इस घटना में कांग्रेस के पांच सदस्य घायल हुए थे। देश के साथ पूरी दुनिया को हिलाकर रख देने वाली इस घटना के बाद रिपब्लिकन पार्टी के ही नेता 20 जनवरी से पहले डोनाल्ड ट्रंप को पद से हटाने की मांग करने लगे हैं। इस दिन (20 जनवरी) बाइडन के पद्भार संभालने के लिए इनोग्रेशन समारोह आयोजित किया जाना है। नेताओं ने महाभियोग लगाकर ट्रंप को हटाने की मांग की है। एक पूर्व सीनियर अधिकारी ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ऐसा काम किया है कि भले ही उनके कार्यकाल के सिर्फ कुछ दिन ही बाकी हों, उन्हें हटा देना चाहिए। उनका कहना है कि यह हमला पूरी व्यवस्था के लिए झटका है। राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन के निर्वाचन को मंजूरी देने के लिए अमेरिकी संसद (कांग्रेस) की बैठक के दौरान बुधवार को हजारों ट्रंप समर्थक जबरन संसद परिसर में घुस गए। कुछ समर्थक सीनेट तक पहुंच गए। इसके चलते संसद की कार्यवाही रोक दी गई और बैठक की अध्यक्षता कर रहे उपराष्ट्रपति माइक पेंस व सांसदों को वहां से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। वाशिंगटन में कर्फ्यू लगा दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीनेट में गोली भी मिली है। दरअसल दिन में समर्थकों की रैली में ट्रंप ने एक बार फिर चुनाव में जीत का दावा करते हुए सेव अमेरिका मार्च का आह्वान किया। इस पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक कैपिटल हिल पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। कैपिटल हिल में ही अमेरिकी संसद स्थित है। समर्थक चार स्तरीय सुरक्षा घेरा तोड़कर आगे बढ़े तो पुलिस से भिड़ंत हो गई। अनियंत्रित भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े। रिपब्लिकन संसदीय दल के नेता कैविन ने बताया कि मैंने पुलिस रेडियो पर गोली चलने की भी आवाज सुनी। कैपिटल हिल बिल्डिंग में हंगामा बढ़ते देख मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल और बम निरोधी दस्ता तैनात था। एक संदिग्ध पैकेट मिलने के बाद आसपास की दो बिल्डिंग भी खाली करवानी पड़ी। अमेरिकी लोकतंत्र का यह दिन काला अध्याय है।

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