Thursday, 28 January 2021
बात तो दूर, नजरें भी नहीं मिलाईं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए थे और प्रोटोकॉल के तहत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके साथ मौजूद थीं। दोनों नेताओं के बीच इस दौरान मुश्किल से करीब पांच फुट का ही फासला था परन्तु राजनीतिक विचारधारा की दूरी और संवाद की कमी कैमरे के सामने आखिरकार झलक ही गई। दरअसल पीएम मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कोलकाता नेशनल लाइब्रेरी पहुंचे हुए थे। यहां उनके साथ प्रदेश के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थीं। लाइब्रेरी में इस दौरान राज्य के अधिकारी भी मौजूद थे। लाइब्रेरी में प्रवेश से लेकर बाहर आने तक प्रधानमंत्री मोदी और ममता बनर्जी के बीच कोई संवाद होता दिखाई नहीं दिया। प्रधानमंत्री वहां मौजूद अधिकारियों से लाइब्रेरी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी जानकारी लेते हुए दिखाई दिए परन्तु ममता से उन्होंने कोई बात नहीं की। यहां तक कि दोनों नेता एक-दूसरे से बहुत ज्यादा दूरी पर नहीं खड़े थे, इसके बावजूद एक-दूसरे की नजरें भी नहीं मिलीं। इस दौरान दोनों ही नेता एक-दूसरे के विपरीत दिशा में देखते हुए नजर आए। यह बात जरूर है कि लाइब्रेरी से बाहर आने से पहले ममता बनर्जी और राज्यपाल धनखड़ के बीच किसी बात पर संवाद होता हुआ दिखाई पड़ा परन्तु पीएम मोदी से कोई बात नहीं हुई। खास बात यह है कि आने वाले कुछ महीनों में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के बंगाल दौरे को काफी अहम माना जा रहा है। बता दें कि बीते कुछ महीनों में बंगाल में सियासी उठापटक और बयानबाजी तेज हुई है। इस सभा में ममता बनर्जी सख्त नाराज हो गईं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में वहां जय श्रीराम के नारे लगाए गए। महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी की 125वीं जयंती मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने अपना भाषण शुरू नहीं किया था कि उसी समय भीड़ में शामिल कुछ लोगों द्वारा जय श्रीराम का नारा लगाया गया। बनर्जी ने कहा कि ऐसा अपमान अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि यह एक सरकारी कार्यक्रम है, कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं। एक गरिमा होनी चाहिए। किसी भी लोगों को आमंत्रित करके अपमानित करना शोभा नहीं देता है। मैं नहीं बोलूंगी, जय बांग्ला जय हिंद। उन्होंने सरकारी कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री और संस्कृति मंत्रालय को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ आए। ममता के पोडियम पर भाषण देने से पहले सब कुछ ठीक था। जैसे ही ममता ने भाषण देना शुरू किया तो दर्शकों का एक वर्ग जय श्रीराम का नारा लगाने लगा, जिससे स्पष्ट रूप से ममता नाराज हो गईं। इस घटना का विरोध करते हुए तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सांसद नुसरत जहां ने सरकारी कार्यक्रमों में राजनीतिक और धार्मिक नारों की निंदा की और ट्वीट कियाöनेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती समारोह कार्यक्रम में राजनीतिक और धार्मिक नारों की निंदा करती हूं। हालत पश्चिम बंगाल में यह हो गई है कि जनता का समर्थन हासिल करने के लिए आजमाए जाने वाले तौर-तरीकों के बीच तृणमूल और भजापा के बीच जैसे टकराव सामने आ रहे हैं, उससे चुनाव अभियानों को शांतिपूर्ण गुजारने को लेकर आशंकाएं हो रही हैं, सवाल है कि लोकतांत्रिक माहौल में चुनाव होने के हालात अगर कमजोर होंगे तो इससे किसको फायदा मिलेगा?
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