Published on 17 February, 2013
अनिल नरेन्द्र
सहारा ग्रुप की मुश्किलें कम
होती नजर नहीं आ रहीं। सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति
एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने सहारा समूह की दो कम्पनियों और समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय
व अन्य तीन निदेशकों के बैंक खाते और डिमेट खाते सीज कर दिए हैं। इसके साथ ही सेबी
ने सुब्रत रॉय और तीनों निवेशकों की चल व अचल सम्पत्ति भी अटैच कर ली है। सेबी ने यह
कार्रवाई न्यायिक आदेश के बावजूद निवेशकों को 24 हजार करोड़ रुपए नहीं लौटाने के मामले में की है। असल में मामले कुछ यूं
हैं। सहारा समूह की दो कम्पनियों, सहारा इंडिया रीयल इस्टेट कारपोरेशन और सहारा हाउसिंग
इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन पर सेबी की बिना मंजूरी बाजार से पैसे उगाने का अभियोग। समूह
की दोनों कम्पनियों ने तीन करोड़ निवेशकों से उगाहे 17,500 करोड़ रुपए। सुप्रीम कोर्ट
ने 15 फीसदी ब्याज के साथ निवेशकों को रकम लौटाने को कहा था और आदेश दिया था। कोर्ट
ने यह रकम तीन किस्तों में निवेशकों को लौटाने को कहा था। जून 2011 में सेबी ने सहारा
को निवेशकों की रकम लौटाने का आदेश दिया था। इस फैसले के खिलाफ सहारा ने प्रतिभूति
अपील ट्रिब्यूनल (सैट) में की। सैट ने सेबी का आदेश बरकरार रखा। इसके खिलाफ सहारा ने
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। दिसम्बर 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप
को यह रकम तीन किस्तों में लौटाने की मोहलत दे दी थी। इसमें 5120 करोड़ रुपए का तत्काल
भुगतान करना था। वहीं 10 हजार करोड़ की पहली किस्त इस साल जनवरी के पहले सप्ताह में
देनी थी। शेष रकम फरवरी के पहले सप्ताह में लौटानी थी। सेबी ने बुधवार को कहा कि ग्रुप
ने बाकी दो किस्तों का भुगतान नहीं किया है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार
बैंक खातों पर रोक और ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय की चल-अचल सम्पत्ति कुर्प करने की
कार्रवाई करनी पड़ी। दूसरी ओर सहारा ग्रुप का दावा है कि वह निवेशकों को 19,400 करोड़
रुपए पहले ही अदा कर चुका है। जहां तक 5120 करोड़ रुपए के भुगतान की बात है तो इसमें
2620 करोड़ रुपए ही निवेशकों को वापस दिए जाने हैं। सेबी ने इस कार्रवाई की सूचना आरबीआई
व ईडी को भी भेज दी है। साथ ही सेबी ने आदेश दिया है कि सहारा समूह के मुखिया सुब्रत
रॉय व अन्य तीनों निदेशक अपने शेयर किसी को भी हस्तांतरित नहीं करें। सेबी ने सहारा
समूह के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए सुब्रत व तीन निदेशकों वन्दना भार्गव, रविशंकर दूबे
और अशोक रॉय चौधरी सहित समूह की दो कम्पनियोंöसहारा
इंडिया रीयल इस्टेट कारपोरेशन व सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन के बैंक व डिमेट
खाते सीज कर दिए। सेबी की कार्रवाई की प्रतिक्रिया में सहारा ने जारी बयान में दोहराया
है कि कम्पनी की कुल देनदारी 5120 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं होगी और कम्पनी यह रकम
पहले ही सेबी के पास जमा कर चुकी है। सहारा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सेबी के पास
किस्तें जमा कराने संबंधी आदेश को लेकर कम्पनी ने शीर्ष अदालत में एक अंतरिम आवेदन
दिया है, जिस पर जल्द ही सुनवाई होनी है। सहारा का कहना है कि सेबी ने पुराने तथ्यों
और आंकड़ों के आधार पर कम्पनी के खिलाफ कार्रवाई की है, उसने नए तथ्यों पर गौर नहीं
किया। सेबी का निजी व्यक्तियों की सम्पत्ति अटैच करना सही कदम नहीं है।
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