Tuesday, 19 February 2013

अंतत पोंटी चड्ढा हत्याकांड में चार्जशीट दाखिल



 Published on 19 February, 2013 
 अनिल नरेन्द्र 
17 नवम्बर 2012 को छतरपुर स्थित पोंटी चड्ढा-हरदीप चड्ढा हत्याकांड ने सभी को हिला दिया था। दिल्ली पुलिस ने आखिरकार पोंटी व हरदीप चड्ढा हत्याकांड मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। आरोप पत्र उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के बर्खास्त अध्यक्ष एसएस नामधारी और उनके निजी सुरक्षा अधिकारी सचिन त्यागी समेत 22 लोगों के विरुद्ध दाखिल किया गया है। करीब 1000 से भी ज्यादा पन्नों के आरोप पत्र में पुलिस ने कुल 110 लोगों को बतौर गवाह बनाया है। अदालत ने नामधारी और 10 अन्य आरोपियों को पेश करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी। कुल 22 आरोपियों में से पुलिस ने नामधारी, उसके पीएसओ सचिन त्यागी और व अन्य को गिरफ्तार कर रखा है। पुलिस ने अदालत को बताया कि इस मामले में उन्होंने एक अन्य शख्स नरेन्द्र अहलावत को भी गिरफ्तार किया है और उसके खिलाफ जल्दी ही सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी। शुक्रवार को अदालत ने नाराजगी जाहिर की थी कि पुलिस ने अभी तक इस मामले में चार्जशीट दाखिल क्यों नहीं की है जबकि मियाद 17 फरवरी को पूरी हो रही है। हत्या के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर अगर आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल न की जाए तो आरोपी को सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत जमानत मिल जाती है। आरोप पत्र में 19 लोगों के खिलाफ हत्या का आरोप नहीं है, उनके खिलाफ हत्या का प्रयास, गम्भीर चोट पहुंचाने, अपहरण व आपराधिक साजिश रचने, सबूत मिटाना, गैर-कानूनी तरीके से बंधक बनाना व आर्म्स एक्ट आदि में मुकदमा चलाने की मांग अदालत से की गई है। दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार की अदालत में आरोप पत्र दायर किया। दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने मुख्य आरोपी नामधारी व अन्य को 19 फरवरी को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। नामधारी के अलावा पोंटी चड्ढा को घटना का मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए कहा गया है कि फार्म हाउस संख्या 42 पर जबरन कब्जा करने के लिए साजिश रची गई। आरोप पत्र में नामधारी का निजी गार्ड रहा सचिन त्यागी और अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। पोंटी और नामधारी मुख्य साजिशकर्ता थे। दोनों हथियार से लैस होकर फार्म हाउस पर कब्जा करने गए थे। नामधारी व त्यागी के खिलाफ अन्य धाराओं के साथ-साथ हत्या का भी आरोप लगाया गया है। हालांकि आरोपी तो पोंटी को भी बनाया गया है पर चूंकि पोंटी की मौत हो चुकी है इसलिए उसके खिलाफ ट्रायल नहीं चलेगा। जब पोंटी का भाई हरदीप भी फार्म हाउस मौके पर पहुंचा तब पोंटी के आदमी फार्म हाउस के गेट पर ताला लगा रहे थे। इस दौरान हरदीप ने गेट पर ताला लगाने वाले शख्स पर गोली चलाई और साथ ही पोंटी पर भी गोली चलाई, लेकिन इसी दौरान नामधारी और उसके पीएसओ त्यागी ने हरदीप को गोली मार दी। अब केस चलेगा और देखें कि अदालत से क्या-क्या नया निकलता है। आज भी ऐसे लोगों की कमी नहीं जो कह रहे हैं कि इसके पीछे बहुत गहरी साजिश है और मामला इतना साधारण नहीं है जितना चार्जशीट बता रही है।

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