Published on 6 February, 2013
अनिल नरेन्द्र
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने जिस तरह क्रिकेट को
नया अवतार दिया है ठीक उसी तरह हीरो हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) ने भारतीय हॉकी को एक
नया जीवन दिया है। मैं हीरो वालों की इस स्कीम
के पीछे काम करने वालों को इसका सफल आयोजन करने वालों को सभी को बधाई देता हूं। मैं
खुद जब सम्भव हो मैच देखता हूं। कुछ हद तक यह 20-20 क्रिकेट की तरह का रोमांच देता
है। लंदन ओलंपिक में 12वें स्थान (आखिरी) पर रहने के बाद भारतीय हॉकी जैसे मृतप्राय
हो गई थी और उसमें नवजीवन आने के कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे थे लेकिन एचआईएल ने मृतप्राय
भारतीय हॉकी में नए प्राण पूंक दिए हैं। ओलंपिक के मात्र साढ़े चार महीनों बाद ही भारतीय
हॉकी में ऐसा कायाकल्प हो जाएगा इसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। लेकिन हॉकी इंडिया ने आईपीएल की सफलता से प्रेरणा लेते
हुए एचआईएल का सिद्धांत तैयार किया और मंत्र कारगर साबित हुआ। जनवरी से शुरू हुए एचआईएल
ने भारतीय हॉकी में बहुत कुछ बदल डाला है। एचआईएल में हॉकी खिलाड़ियों की नीलामी, उन्हें
मिली भारी कीमत और विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेलने के सुअवसर ने भारत के युवा हॉकी
खिलाड़ियों में एक उम्मीद की किरण दिखाने का काम किया है। हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल
हुआ करता था। समय के साथ-साथ इस खेल का इतना पतन हुआ कि हम दुनिया के हॉकी नक्शे से
ही गायब हो गए। ऐसा नहीं था कि भारत में टेलेंट की कमी थी पर सुविधाओं का अभाव, आर्थिक
तंगी, हॉकी खेलने में स्टाइल परिवर्तन बहुत सी बातें ऐसी हुईं जिनसे हम पिछड़ते गए।
इस लीग में विदेश के चोटी के हॉकी खिलाड़ी भारतीय खिलाड़ियों के साथ मिलकर खेल रहे
हैं। हमारे खिलाड़ियों को उनकी स्पीड, स्टाइल, फिजिकल फिटनेस का पता चल रहा है। अपनी
कमियों का अंदाजा हो रहा है। चोटी के कोच एचआईएल टीम के कोच हैं। उनकी रणनीति, ट्रेनिंग
का तरीका सब तरह की जानकारी मिल रही है। हॉकी एक टीम गेम है। इस लीग से यह साबित भी
हो जाता है। दिल्ली वेबराइर्ड्स यह साबित भी करती है। टीम अंक तालिका में सबसे ऊपर
है और अब तक एक भी मैच नहीं हारी। टीम का कोच भी भारतीय है। चूंकि टीम इतनी अच्छी तरह
से कम्बाइन कर रही है कि उसके विजय रथ को कोई नहीं रोक पा रहा है। एक सर्वेक्षण में
यह बात सामने आई है कि एचआईएल ने टीवी दर्शक क्षमता के मामले में यूरो कप फुटबाल को
भी पीछे छोड़ दिया है। हॉकी को ऐसी लोकप्रियता पिछले कई वर्षों में नहीं मिली थी। आईपीएल
ने न केवल हॉकी बल्कि गोल्फ, कुश्ती और बैडमिंटन जैसे खेलों को प्रेरित किया है। गोल्फ
प्रीमियर लीग कुछ दिनों बाद महाराष्ट्र की एम्बी वैली में होने जा रही है। बैडमिंटन
में भी इसी तर्ज पर टूर्नामेंट होने जा रहा है। मुझे खास खुशी रांची के नए स्टेडियम
को देखकर हुई। ऐसे राज्यों में जहां हॉकी प्रसिद्ध नहीं थी वहां पर भी अब इसकी लोकप्रियता
बढ़ती जा रही है। रांची शाइनोज टीम भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है और सेमीफाइनल में पहुंच
सकती है। एचआई लीग से जुड़े सभी लोगों को बधाई।
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