Friday, 22 February 2013

रूस में गिरा उल्का पिण्ड हिरोशिमा एटम बम से 30 गुना शक्तिशाली था?



    Published on 22 February, 2013   
 अनिल नरेन्द्र

हम लोग यानी मानव अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी या जद्दोजहद में इतना मसरूफ हो जाते हैं कि ऊपर वाले का, कुदरत का कभी शुक्रिया नहीं करते कि कितनी मेहर उसने हमें बख्शी है। आदमी हर चीज को फॉर ग्रांटेड लेता है। शायद ही कभी सोचता है कि सैकेंडों में उसकी सारी दुनिया उजड़ सकती है। जब मैंने रूस में उल्का पिण्ड गिरने की खबर पढ़ी तो मेरे रौंगटे खड़े हो गए। क्या हमने कभी सोचा कि अगर कोई उल्का पिण्ड भारत से टकरा जाए तो क्या होगा? रूस की यूराल पर्वतमाला के ऊपर शुक्रवार  को सुबह करीब 10 टन वजन वाला उल्का पिण्ड गिरा  जिससे भयानक धमाके हुए। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि रूसी क्षेत्र के ऊपर वायु मंडल के साथ उल्का के टकराव से जितनी ऊर्जा निकली वह जापान के हिरोशिमा शहर पर अमेरिका की ओर से गिराए गए परमाणु बम से निकली ऊर्जा से 30 गुना ज्यादा थी। 55 फुट चौड़ा और 10 टन वजनी उल्का पिण्ड रूस के यूराल पर्वतीय क्षेत्र के ऊपर वायु मंडल के साथ हुए टकराव से भीषण विस्फोट हुआ। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि हजारों घर क्षतिग्रस्त हो गए। इसमें करीब 1000 लोग जख्मी हो गए। लोगों को अंदाजा नहीं हो पा रहा था कि आखिर हो क्या रहा है? चेल्याबिंस्क इलाके में रहने वाले सर्गेई हामेतोव ने बताया कि हर आदमी दूसरे के घर में उसकी खैरियत जानने के लिए जा रहा था। यह जगह मास्को से 1500 किलोमीटर दूर है। चेल्याबिंस्क में ही इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है। सर्गेई ने न्यूज एजेंसी एपी को बताया कि हमने एक तेज रोशनी देखी, फिर वह घट गई और जोर से आवाज सुनाई दी। रूस की इमरजेंसी मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा कि कम आबादी वाले इलाके चेल्याबिंस्क में उल्का पिण्ड गिरा है। उल्का पिण्ड में धमाके के बाद लोगों के घरों में उसके टुकड़े बिखर गए। तब लोगों ने सोचा कि इन टुकड़ों का क्या करेंगे पर अब वह टुकड़े सबसे खास  बन गए हैं। लारिसा नाम की एक महिला को धमाके के बाद अपनी छत की टाइलों में हुए छेद से एक पत्थर (छोटा) मिला था। सोमवार को एक अजनबी उनके घर आया और 3254 रुपए में उसे खरीदने की पेशकश करने लगा, थोड़ा मोलभाव  करके सौदा 12,476 रुपए में तय हो गया। कुछ घंटों के बाद एक और शख्स आया और छत के उस छेद में झांका और पत्थर के लिए 70,500 रुपए ऑफर करने लगा पर तब तक महिला पत्थर बेच चुकी थी। लारिसा को बहुत अफसोस हुआ। शुक्रवार तक जिस धमाके से लोग दहले हुए थे सोमवार तक उसी से वे चांदी काटने लगे। नतीजा यह हुआ कि वहां बर्प में दबे उल्का के टुकड़ों के लिए होड़ लग गई है। बेशक उल्का पिण्ड जैसी चीजों का व्यापार अवैध है पर इसका विशाल ग्लोबल मार्केट है। जैसा मैंने शुरू में कहा कि हमें ऊपर वाले का हर वक्त शुक्रिया करना चाहिए कि उसकी रहमत सब पर बनी रहे।


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