Published on 26 February, 2013
अनिल नरेन्द्र
योग गुरु बाबा रामदेव की भारत सरकार खासकर
कांग्रेस से आर-पार की लड़ाई शुरू हो गई लगती है। सरकार चाहे वह केंद्र में हो या
कांग्रेस की राज्य की सरकारें हों, ने बाबा पर शिकंजा कसना तेज कर दिया है। सबसे
ताजा उदाहरण हिमाचल प्रदेश में वीरभद्र सिंह की कांग्रेस सरकार का है। सोलन जिले
के साधु पुल में बाबा रामदेव के पतंजलि योग पीठ को राज्य सरकार ने अपने कब्जे में
ले लिया है। शुक्रवार को भारी संख्या में अधिकारी व पुलिसकर्मियों ने योग पीठ
पहुंचकर निर्माणाधीन ढांचे व पूर्व भाजपा सरकार द्वारा लीज पर दी गई जमीन अपने
कब्जे में ले ली। पतंजलि योग पीठ के अधिकारियों को एसडीएम ने लीज पर दी गई भूमि
वापस लेने का नोटिस थमाया और परिसर खाली करने को कहा। साधु पुल में पूर्व भाजपा
सरकार की ओर से बाबा रामदेव को दी गई 96.8 बीघा जमीन की 2010 में 99 साल के लिए
लीज पर दी गई थी। सरकार ने तर्प दिया कि जमीन 1956 में पटियाला के महाराजा ने
बच्चों के खेलकूद के लिए दान दी थी। लीज नेपाली मूल (बालकृष्ण) के नाम है जो अवैध
है। उधर उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बाबा रामदेव के हरिद्वार में स्थित
हर्बल फूड पार्प को उसके द्वारा छोड़े जा रहे पानी में हानिकारक रसायन मिलने पर
उसे नोटिस थमा दिया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक हरिद्वार के पदार्थों इलाके में स्थित हर्बल फूड पार्प को नोटिस जारी
कर पूछा गया है कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले इस उद्योग को क्यों न बन्द कर
दिया जाए? फूड पार्प से छोड़े जा रहे पानी में हानिकारक रसायन होने की शिकायत
स्थानीय किसानों ने की थी। साथ-साथ खबर यह भी है कि आयकर विभाग ने बाबा रामदेव से
जुड़े पतंजलि योग पीठ एवं दिव्य योग मंदिर ट्रस्टों के खाते सीज कर दिए हैं।
हरिद्वार के जितने भी बैंकों में ट्रस्ट के खाते हैं, उन सभी के लेन-देन पर
प्रतिबंध लगा दिया गया है। विभाग ने बैंकों को पत्र भेजकर सीधे निर्देश दिया है कि
वह 34 करोड़ की वह धनराशि आयकर विभाग के खातों में डाल दें जो पतंजलि योग पीठ के
ट्रस्टों को चुकानी है। आयकर विभाग ने कुछ माह पूर्व 34 करोड़ रुपयों का आयकर देना
का आदेश पतंजलि योग पीठ के ट्रस्टों को दिया था। दिव्य योग मंदिर और पतंजलि योग
पीठ द्वारा यह राशि नहीं चुकाई गई। इधर दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा को थोड़ी राहत
जरूर दी है। हाई कोर्ट ने आयकर विभाग को उनके ट्रस्ट पतंजलि योग पीठ न्यास के 11
बैंक खातों को खोलने का निर्देश दिया है। इसके लिए ट्रस्ट को 2.1 करोड़ रुपए आयकर
विभाग में जमा कराने होंगे। बाबा रामदेव के लिए अब लड़ाई आर-पार की बन गई है।
उन्हें न केवल अपना आर्थिक साम्राज्य ही बचाना है बल्कि कुछ हद तक उन्हें अपने
अस्तित्व की लड़ाई भी लड़नी पड़ेगी। बाबा ने तेज तेवर अपनाए हुए हैं। दिल्ली आए
बाबा रामदेव ने एक संवाददाता सम्मेलन में अपने तेवर तीखे करते हुए एक बार फिर से
कांग्रेस पार्टी और यूपीए सरकार पर जोरदार हमला बोला। कांग्रेस के राष्ट्रीय
उपाध्यक्ष राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए अनफिट करार देते हुए आरोप लगाया
कि केंद्र के दो मंत्रियों ने उन्हें आंदोलन खत्म नहीं करने पर झूठे मुकदमों में
फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी है। योग गुरु ने प्रधानमंत्री पर भी खूब कटाक्ष किया।
इलाहाबाद में बीती रात भगदड़ की घटना के कसूरवार लोगों पर कार्रवाई की मांग की। इस
मामले में केंद्र और राज्य सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। बाबा ने
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अफजल गुरू को फांसी नहीं दिए जाने
संबंधी बयान की आलोचना की। राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए पूरी तरह अनफिट
बताते हुए कहा कि राहुल गांधी अपने दाम्पत्य जीवन को लेकर ही बहुत असमंजस में हैं
तो ऐसे में देश को क्या दिशा देंगे? डाक्टर मनमोहन सिंह को भी रिमोट से संचालित
होने वाले देश के सबसे कमजोर प्रधानमंत्री बताया। व्यक्तिगत रूप से वह भले ही
ईमानदार हों लेकिन भ्रष्ट मंत्रियों को संरक्षित कर देश को धोखा दे रहे हैं। यूपीए
सरकार से दो-दो हाथ करने की घोषणा कर चुके योग गुरु ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय
सिंह पर शिष्य बालकृष्ण और उनके बीच दरार पैदा करने की साजिश रचने का आरोप लगाया।
जैसा मैंने कहा कि बाबा रामदेव की अब
यूपीए सरकार और कांग्रेस से आर-पार की लड़ाई शुरू हो चुकी है।
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