Sunday 14 February 2021

ट्विटर और मोदी सरकार में टकराव

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिक और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अनुसार भारत में सोशल मीडिया कंपनियों ने दोहरे मापदंड अपना रखे हैं। उनका कहना है कि जब अमेरिका के कैपिटल हिल पर हिंसा होती है तो सोशल मीडिया वहां के राष्ट्रपति तक के अकाउंट पर प्रतिबंध लगा देती है। गुरुवार को राज्यसभा में रविशंकर प्रसाद ने कहाöकैपिटल हिल की घटना के बाद ट्विटर की ओर से की गई कार्रवाई का समर्थन करते हैं। आश्चर्य है कि लाल किले की हिंसा पर ट्विटर का स्टैंड अलग है। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर सोशल मीडिया को गलत जानकारी और झूठी खबरें फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा तो सरकार कानूनी कार्रवाई जरूर करेगी। गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों ने ट्रैक्टर परेड का आयोजन किया था, जिसके दौरान राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में हिंसक वारदातें देखने को मिलीं। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा लाल किले पर हुई हिंसा की हो रही है जिसके बाद सरकार ने ट्विटर को लगभग 1100 अकाउंट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। सरकार का दावा है कि इनमें से ज्यादातर अकाउंट खालिस्तानी समर्थकों के हैं या फिर कुछ ऐसे लोगों के भी हैं जो कई महीनों से चल रहे किसान आंदोलन या फिर 26 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर दुप्रचार कर रहे हैं और गलत खबरें और सूचनाएं प्रसारित कर रहे हैं। सरकार के निर्देश के बाद ट्विटर ने कुछ अकाउंट ब्लॉक तो कर दिए, मगर बाद में कुछ अकाउंट फिर से बहाल कर दिए। इस बारे में ट्विटर की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि उसने मीडिया से जुड़े लोग, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनेताओं के अकाउंट्स पर कोई कार्रवाई नहीं की है। बयान के मुताबिक हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की वकालत करते रहेंगे और हम भारतीय कानून के अनुसार इसका रास्ता भी निकाल रहे हैं। लेकिन सूचना मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना हैöआप जब एक प्लेटफार्म बनाते हैं तो आप स्वयं एक कानून बनाते हैं जिसमें यह तय किया जा सके कि क्या सही है और क्या गलत। अगर इसमें भारत के संविधान और कानून की कोई जगह नहीं होगी तो यह नहीं चलेगा और कार्रवाई होगी। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में एक लेख में कहा है कि आजकल विदेशों के समाचार पत्र भारत में आंदोलन कर रहे किसानों पर ज्यादती, इंटरनेट पर पाबंदी और पत्रकारों के खिलाफ राजद्रोह के मामलों से भरे पड़े हैं। उनका कहना है कि इससे भी तो देश की छवि खराब हो रही है। ट्विटर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बेंगलुरु से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या कहते हैं कि ट्विटर अपनी सुविधा अनुसार चुन रहा है कि कौन-सा कानून वो मानेगा और कौन-सा नहीं। इस ताजा विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोग इस बात को लेकर सरकार के पक्ष में और विरोध में पोस्ट कर रहे हैं। साइबर कानून विशेषज्ञ कहते हैं कि ट्विटर के पास कोई चारा नहीं है। उसे भारत के कानून के हिसाब से ही चलना पड़ेगा। वो कहते हैं कि अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ ट्विटर ने खुद ही कार्रवाई की जबकि भारत में सरकार को आदेश जारी करना पड़ा। लेकिन ट्विटर ने क्या कियाöपहले अकाउंट सस्पैंड किए फिर उनकी बहाली कर दी। वहीं कांग्रेस के नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने विवाद पर ट्विटर सेंसरशिप के हैशटैक के साथ लिखाöक्या लिखूं, कलम जकड़ में है, कैसे लिखूं, हाथ तानाशाह की पकड़ में है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार जो कर रही है वह सिर्फ अपनी आलोचना को रोकने के लिए कर रही है, आलोचकों को टारगेट किया जा रहा है ताकि सरकार के खिलाफ कुछ न बोल सकें।

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