Sunday, 7 February 2021

नए मैसेजिंग एप का सहारा लेते आतंकी

व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग सर्विस को लेकर बहस जारी है। इस दौरान खबर मिली है कि पाकिस्तान में मौजूदा आतंकी संगठनों ने नए एप का रुख कर लिया है। इनमें तुर्की की एक कंपनी की ओर से हाल ही में विकसित एप भी शामिल है। जम्मू-कश्मीर के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने यह ताजा जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि दहशतगर्दों के साथ मुठभेड़ में मिले सुबूतों और आत्मसमर्पण करने वाले आतंकियों की ओर से पाकिस्तानी संगठनों की मॉउस ऑपरेडी पर प्राप्त जानकारी के आधार पर तीन नए मैसेजिंग एप सामने आए हैं। इनमें से एक अमेरिकी तो दूसरा यूरोपीय कंपनी ने बनाया है। वहीं तीसरे एप का निर्माण तुर्की की कंपनी ने किया है। कश्मीर घाटी में कारिंदों की भर्ती में जुटे आतंकी आका लगातार तीनों एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि सुरक्षा कारणों से इनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। अधिकारियों की मानें तो नए एप इंटरनेट की धीमी स्पीड में भी काम करने में सक्षम हैं। उनका उन इलाकों में भी इस्तेमाल मुमकिन है, जहां केवल 2000 के दशक में प्रयुक्त डाटा फॉर ग्लोबल एवोल्यूशन (एच) या 2जी इंटरनेट सेवा उपलब्ध हो। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने के बाद वहां उपलब्ध इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी थीं। साल 2020 की शुरुआत में घाटी में 2जी सेवा बहाल हो गई थी। सुरक्षा एजेंसियां घाटी में पहले से ही वर्चुअल सिम कार्ड के खतरे से लड़ रही हैं। ऐसे में नए एप उनके लिए नई चुनौती बनकर उभरे हैं। -अनिल नरेन्द्र

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