Thursday 25 February 2021

चुनाव काम के बल पर जीता जाता है, सिर्फ जुमलों से नहीं

पंजाब स्थानीय निकायों के चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया था। अब दिल्ली नगर निगम की पांच सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। चुनाव 28 फरवरी को होना है। अब इन पांच सीटों पर 63 प्रत्याशियों के बीच जंग है। नगर निगम की इन पांच सीटों पर हो रहे उपचुनाव में प्रत्याशियों के नामों की तीनों प्रमुख पार्टियां भाजपा, कांग्रेस व आप के द्वारा घोषणा और नामांकन किए जाने के बाद से चुनावी माहौल पूरी तरह से गरमा गया है। आम आदमी पार्टी इस कोशिश में है कि किसी भी तरह सभी पांचों सीटों पर जीत का परचम लहरा कर भाजपा और कांग्रेस को निचले पायदान पर ला दिया जाए। जिससे अगले वर्ष होने वाले निगम चुनाव से पहले ही यह दोनों पार्टियां उत्साह की जगह तनाव में आ जाएं। वहीं भारतीय जनता पार्टी को लगता है कि सीलमपुर विधानसभा के चौहान बांगर वार्ड की सीट को छोड़कर वह चार सीटों पर सीधे मुकाबले में है और यदि कांग्रेसी बिल्कुल धराशायी नहीं हुई तो कमल खिलना तय है। पूर्वी दिल्ली में हो रहे तीन निगम सीटों पर उपचुनाव का अपना एक अलग महत्व ही नहीं, रोचकता भी बनी है। जहां कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। दिल्ली की तीनों नगर निगमों के लिए अगले वर्ष के शुरू में होने वाले चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की भाजपा में भगदड़ मचाने की पूरी तैयारी है। मार्केट में खबर है कि तीनों निगमों में भाजपा के 40 से ज्यादा पार्षद आप की झाड़ू थाम सकते हैं। वहीं इससे ज्यादा पूर्व पार्षद भी आम आदमी पार्टी में आने का मन बनाए हुए हैं। सिर्फ वह आप की ओर से सिग्नल का इंतजार कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी फिलहाल जिस रणनीति पर चल रही है उसमें चुनाव से पहले भाजपा खेमे में हड़बड़ी मचाना है जिससे यह संदेश चला जाए कि भाजपा की निगमों से विदाई हो रही है इसलिए उसके पार्षद व पूर्व पार्षद पार्टी को छोड़कर भाग रहे हैं। आप का मानना है कि निगम उपचुनाव के नतीजों में पांचों सीटों पर जब आप का परचम लहराएगा तो हवा में बात कर रहे भाजपा व कांग्रेस के नेताओं को पता चल जाएगा कि चुनाव काम के बल पर जीता जाता है न कि सिर्फ बातों से जीता जाता है। आम आदमी पार्टी सभी सीटों पर जीत को लेकर आश्वस्त है। भाजपा में चल रहे हालातों की खबर पार्टी के प्रदेश स्तर के कई नेताओं ने भी हाई कमान को दे दी है जिसमें कहा गया है कि संगठन में सिर्फ गणेश परिक्रमा करने वालों को ही महत्व दिया जा रहा है। संगठन विस्तार में कहीं कुछ नया नहीं दिखाई दे रहा है। तीनों प्रदेश महामंत्री यमुनापार से बनाकर पार्टी ने क्या संदेश दिया यह अभी तक उसके नेता बता नहीं पाए हैं। नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि हम 2007 से लगातार निगम में सत्ता में है, हमारे पास उपलब्धि के नाम पर कुछ भी नहीं है और 2022 के चुनाव में हम क्या लेकर उतरेंगे यह हमें भी नहीं पता है। वहीं आम आदमी पार्टी अभी से निगम को लेकर ठोस नीति पर चल रही है और उसके मुद्दे विधानसभा में बिजली, पानी, मोहल्ला क्लीनिक, परिवहन की तरफ जनता को आकर्षित कर रहे हैं वहीं हम लोग अभी भी गलतफहमी में जी रहे हैं। कांग्रेस कहती है कि सबकी गलतफहमी दूर हो जाएगी।

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