Friday 26 February 2021

गुजरात चुनावों में प्रदर्शन से आप उत्साहित

गुजरात में छह नगर निगम की 576 सीटों में से भाजपा को 483 पर प्रचंड जीत मिली है। भाजपा मान रही है कि पीएम नरेंद्र मोदी के नाम का जादू गुजरात में अब भी बरकरार है। इसीलिए अमित शाह, जेपी नड्डा, सीएम विजय रुपाणी व अनेक राष्ट्रीय नेता इस जीत से गद्गद् हैं। चार निगमों में सबसे चौंकाने वाला परिणाम है आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का जीत हासिल करना। आप के पक्ष में 27 और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को सात सीटें मिली हैं। कांग्रेस को महज 55 सीटों पर कामयाबी मिली। कांग्रेस को पछाड़ते हुए आप मुख्य विपक्षी दल के तौर पर उभरी है। माना जा रहा है कि आप की एंट्री अगले साल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। आम आदमी पार्टी ने गुजरत के सूरत में नगर निगम चुनाव में 120 में से 27 सीटों पर सफलता प्राप्त की है। आप की सफलता पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल काफी गद्गद् हैं। उन्होंने जीत के बाद अपने वीडियो मैसेज के जरिये गुजरात के लोगों का शुक्रिया अदा किया। सीएम ने वीडियो में कहा कि गुजरात के नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी का शानदार प्रदर्शन हुआ है। मैं गुजरात के लोगों का तहेदिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। खासकर सूरत के लोगों ने सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस पार्टी को हराकर एक नई पार्टी आम आदमी पार्टी को प्रमुख विपक्षी दल के रूप में जिम्मेदारी सौंपी है। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हमारा एक-एक उम्मीदवार अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी के साथ निभाएगा। केजरीवाल ने कहाöगुजरात ने एक नई राजनीति की शुरुआत की है। ईमानदारी की राजनीति का। काम की राजनीति का। अच्छे स्कूलों की राजनीति। अच्छे अस्पतालों की राजनीति। सस्ती और 24 घंटे बिजली की राजनीति। गुजरात के लोगों के साथ मिलकर हम गुजरात को संवारेंगे। मैं 26 तारीख को सूरत में आ रहा हूं आप लोगों से मिलने के लिए। व्यक्तिगत रूप से आपका धन्यवाद करने के लिए। बता दें कि सूरत नगर निगम में भाजपा ने 93 सीटें जीती हैं। यहां कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल सका। वहीं ओवैसी की पार्टी ने अहमदाबाद में सात सीटें जीतकर राज्य में दस्तक दे दी है। वह इसे बंगाल और अन्य राज्यों में भाषणों और लोगों के भरोसे को आधार बना सकते हैं। राज्य में अभी गोधरा और माडेसा के स्थानीय चुनावों में मतदान 28 फरवरी को होना है। ओवैसी वहां भी प्रचार कर रहे हैं। देखने की बात यह कि वहां से उनकी उम्मीद कितनी बढ़कर आती है? पिछले साल जुलाई में हार्दिक पटेल को गुजरात कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। पाटीदार आरक्षण आंदोलन से चर्चित हुए हार्दिक ने पूरे गुजरात में निकाय चुनाव के लिए प्रचार अभियान चलाया। लेकिन नतीजों में इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। अहमदाबाद में हार्दिक ने पूरी ताकत झोंकी। तमाम वार्डों में रैलियां भी कीं। इसके बावजूद यहां कांग्रेस को करारी शिकस्त मिल रही है। -अनिल नरेन्द्र

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