Friday, 19 February 2021

बंगाल का चुनावी सर्वे

पश्चिम बंगाल को लेकर चुनावी सर्वे में अलग-अलग अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। सीएनएक्स के सर्वे में पश्चिम बंगाल में एक बार फिर ममता बनर्जी की वापसी हो रही है। वहीं सी-वोटर के सर्वे के अनुसार राज्य में भाजपा की सरकार बनने का अनुमान है। सीएनएक्स के सर्वे में ममता बनर्जी की पार्टी को 294 में से 151 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है। वहीं सर्वे के अनुसार भाजपा के खाते में 117 सीटें आती दिख रही हैं। लेफ्ट और कांग्रेस के खाते में 24 सीटें मिलने की संभावना है। सीएनएक्स के सर्वे के अनुसार दक्षिण बंगाल में अभी भी टीएमसी का दबदबा बना हुआ है। सर्वे में पार्टी को यहां 84 में से 53 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं भाजपा को 16 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है। एक न्यूज चैनल के लिए यह ओपिनियन पोल दिल्ली की एक रिसर्च और सर्वे एजेंसी सीएनएक्स ने किया है। सर्वे में पश्चिम बंगाल की 294 सीटों पर हुए इस सर्वे में 8960 लोगों से बात की गई है। यह सर्वे 23 जनवरी से सात फरवरी के बीच किया गया है। सी-वोटर सर्वे के अनुसार राज्य में भाजपा की सरकार बनती दिख रही है। सर्वे में 43 प्रतिशत लोगों का मानना है कि राज्य में भाजपा की सरकार बन सकती है। वहीं 35 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ममता बनर्जी की टीएमसी राज्य में एक बार फिर सरकार बना सकती है। 14 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनका मानना है कि राज्य में लेफ्ट और कांग्रेस सरकार बना सकते हैं। वहीं दो प्रतिशत लोगों ने राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की उम्मीद जताई है। सी-वोटर के सर्वे में भले ही लोग भाजपा की सरकार बनने की बात कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में ममता बनर्जी लोगों की पहली पसंद हैं। राज्य में 52 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ममता बनर्जी सीएम पद के लिए सबसे बेहतरीन उम्मीदवार हैं। वहीं भाजपा के दिलीप घोष 25 प्रतिशत लोगों की पसंद के साथ दूसरे स्थान पर है। अधीर रंजन चौधरी को दो प्रतिशत लोगों ने सीएम पद के लिए बेहतर उम्मीदवार बनाया है। चौंकाने वाली बात है कि सर्वे में बंगाल टाइगर सौरभ गांगुली बेहतर सीएम उम्मीदवार के रूप में चार प्रतिशत लोगों की पसंद हैं। अभी चुनाव में काफी समय है और स्थिति रोज बदल रही है। इस सर्वे से सिर्फ सर्वे के समय का जनता का रुख दर्शाता है। इसमें बहुत परिवर्तन होगा। अभी तो गठबंधन भी नहीं बने। बस यह पश्चिम बंगाल में वोटरों की पसंद का थोड़ा संकेत जरूर देता है। अभी तो कई सर्वे और भी आएंगे। इन सर्वे पर जनता को ज्यादा विश्वास भी अब नहीं रहा है। -अनिल नरेन्द्र

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