Saturday 13 February 2021

एलएसी पर टेंशन कम करने की शुरुआत

पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव घटाने की दिशा में भारत और चीन ने अहम कदम उठाया। सेना के सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों की ओर से तैनात किए गए टैंकों में कुछ कमी की गई है। इससे एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर जारी टेंशन में कमी आएगी, क्योंकि दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के टैंकों की रेंज में थे। इससे पहले चीन ने कहा कि पैंगोंग झील के दक्षिणी और उत्तरी किनारे में चीन और भारत के फ्रंटलाइन पर तैनात सैनिकों को पीछे करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि पैंगोंग झील के दक्षिणी और उत्तरी किनारे से भारतीय और चीनी सैनिक पीछे हट रहे हैं? बेशक पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन यह अभी बस शुरुआत है और गतिरोध पूरी तरह खत्म होने में लंबा वक्त लगेगा। फ्रंटलाइन पर अभी भी सैनिक तैनात हैं और पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे अहम चोटियों पर भारतीय सैनिक अभी भी मौजूद हैं। बता दें कि चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि बुधवार को चीन और भारत के फ्रंटलाइन पर तैनात सैनिकों के बीच पैंगोंग झील के दक्षिण और उत्तरी किनारे में डिसगेंजमेंट प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि भारतीय सूत्रों के मुताबिक दोनों तरफ तैनात किए गए टैंकों में ही कमी की गई है लेकिन फ्रंटलाइन पर सैनिक अभी भी तैनात हैं। सूत्रों के मुताबिक भारत-चीन के बीच कोर कमांडरों की मीटिंग में इस पर काफी हद तक सहमति बन गई थी कि पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे यानि फिंगर एरिया में चीनी सैनिक फिंगर-8 से पीछे चले जाएंगे और भारतीय सैनिकों को फिंगर-3 से पीछे जाना होगा। करीब 8-10 महीने तक फिंगर-4 से फिंगर-8 का एरिया नो पेट्रोलिंग जोन रहेगा। सूत्रों के मुताबिक चीन की तरफ से कहा गया कि चीनी सैनिक भले ही फिंगर-8 के पीछे चले जाएंगे लेकिन वह फिंगर-4 तक पेट्रोलिंग करते रहेंगे और पेट्रोलिंग का अधिकार नहीं छोड़ेंगे। पेट्रोलिंग को लेकर क्या तय हुआ है, इस पर अभी कोई खुलकर बात नहीं कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक अभी पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हुई है और जैसे-जैसे यह आगे बढ़ेगी तब कई चीजें साफ होंगी। हमें इन चीनियों पर कोई यकीन नहीं है पर अगर यह वास्तव में ही पीछे हटने पर सहमत हो गए हैं तो यह भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। महीनों से चला आ रहा गतिरोध धीरे-धीरे संयम में टूट रहा है। यह अच्छी बात है। उम्मीद है कि यह प्रक्रिया ईमानदारी से आगे बढ़ाएगा चीन।

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