Saturday, 27 February 2021
भीड़ से कानून ही नहीं, हम तो सरकार भी बदल देंगे
भीड़ से कानून नहीं बदलने की बात कहने वाले किसान बता देंगे कि हम भीड़ से कानून ही नहीं, बल्कि सरकार भी बदल देंगे। पहले भी भीड़ से सरकार बदलती रही हैं और इस बात को सरकार में बैठे लोगों को समझ लेना चा]िहए। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बयान पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने निशाना साधते हुए यह बात कही। टिकैत सोमवार को खरखौदा किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। टिकैत ने कहा कि आंदोलन ऐसी स्थिति में पहुंच गया है, जहां से किसान पीछे नहीं हट सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को कानून की जानकारी नहीं होने की बात भी सरकार में बैठे लोग करते हैं, लेकिन किसानों की जानकारी नहीं होने की बात भी सरकार में बैठे लोग करते हैं, लेकिन किसानों से ज्यादा कानून की जानकारी किसी को नहीं है। किसान अपनी फसल के दाम से बता सकते हैं कि कानून ठीक है या खराब। अगर फसल के अच्छे दाम मिलते हैं तो कानून अच्छा और अगर दाम सही नहीं मिलते तो कानून खराब। टिकैत ने चेतावनी दी कि अभी केवल कानून वापसी की बात हो रही है। सत्ता वापसी का अभियान शुरू करें उससे पहले ही किसानों के 40 संगठनों से बात करना सरकार के लिए ठीक रहेगा। टिकैत ने चेताया कि अगर तीन नए कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया गया तो सरकार का सत्ता में रहना मुश्किल हो जाएगा। वह इस महीने हरियाणा में किसान महापंचायत कर रहे हैं। सोनीपत जिले के खरखौदा की अनाज मंडी में किसान महापंचायत में टिकैत ने कहा कि जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा। टिकैत ने महापंचायत में कहाöराजनेता कह रहे हैं कि भीड़ जुटाने से कृषि कानून वापस नहीं होंगे जबकि उन्हें मालूम होना चाहिए कि भीड़ तो सत्ता परिवर्तन की सामर्थ्य रखती है। यह अलग बात है कि किसानों ने अभी सिर्फ कृषि कानून वापस लेने की बात की है, सत्ता वापस लेने की नहीं।
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