Saturday 6 February 2021

नरेंद्र मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी का दुख

गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव होने में अब अधिक दिन नहीं रह गए हैं। चुनाव चाहे कोई भी हो, परिणाम को लेकर उत्सुकता तो रहती ही है। लेकिन इस बार गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव कुछ मायनों में बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। गुजरात में दो चरणों में स्थानीय चुनाव होने हैं। 21 फरवरी और 28 फरवरी को। एक ओर जहां कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, वहीं भाजपा भी चुनावों को लेकर कमर कस चुकी है। गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने उम्मीदवारों के लिए आवश्यक मानदंडों की घोषणा में कहा है कि 60 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों, नेताओं के रिश्तेदारों और जो लोग पहले से ही कारपोरेशन में तीन कार्यकाल पूरे कर चुके हैं, उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा। पटेल की घोषणा के बाद से ही प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं-नेताओं के बीच हलचल का माहौल है। प्रधानमंत्री के बड़े भाई प्रह्लाद मोदी ने भी इस संबंध में टिप्पणी की है। बीबीसी से बात करते हुए प्रह्लाद मोदी ने कहा कि उनकी बेटी सोनल मोदी अहमदाबाद के बोदकदेव से चुनाव लड़ना चाहती थीं। लेकिन अब जब इस तरह के मानदंड तय किए गए हैं तो यह तय हो जाता है कि वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगी, क्योंकि वो तो सीधे तौर पर पीएम मोदी के परिवार से आती हैं। बीबीसी ने प्रह्लाद मोदी से निकाय चुनाव समेत अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की। सवालöआपकी बेटी चुनाव लड़ना चाहती हैं? जवाबöहां, मेरी बेटी अहमदाबाद के बोदकदेव की ओबीसी सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं। सवालöगुजरात भाजपा प्रमुख सीआर पाटिल ने तो घोषणा की है कि भाजपा नेताओं के रिश्तेदार और परिवार के सदस्यों को इस चुनाव में टिकट नहीं मिलेगा। तो अब? जवाबöहमने कभी भी ऐसा कुछ होने की उम्मीद नहीं की। हम पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल करके अपनी जिंदगी नहीं चलाते हैं। हमारे परिवार के सभी सदस्य कठिन परिश्रम करते हैं, कमाते हैं और उसी से अपना खर्च चलाते हैं। मैं राशन की दुकान चलाता हूं। भाजपा में हमारे परिवार की ओर से कोई भाई-भतीजावाद नहीं है। नरेंद्र मोदी ने साल 1970 में घर छोड़ दिया था और पूरे भारत को अपना घर बना लिया। वह हमारे परिवार में पैदा जरूर हुए हैं लेकिन वह भारत के बेटे हैं। सवालöतो क्या फिर नरेंद्र मोदी आपके परिवार के सदस्य नहीं हैं? जवाबöभारत सरकार ने परिवार की एक परिभाषा तय की है। जिन-जिन लोगों के नाम घर के राशन कार्ड पर हैं, वह सभी परिवार के सदस्य हैं। हमारे परिवार के राशन कार्ड में नरेंद्र दामोदरदास मोदी का नाम नहीं। तो क्या वह मेरा परिवार है? मैं यह सवाल आपसे और दूसरों से पूछ रहा हूं। जिस राशन कार्ड में नरेंद्र भाई का नाम है, वह अहमदाबाद के रानी का है। ऐसे में तो रानी के लोग उनका परिवार हुए। सवालöअगर सोनल मोदी चुनाव लड़ती हैं तो लोग कहेंगे कि वह पीएम मोदी की भतीजी हैं। जवाबöबहुत से लोग कहते हैं कि हम भगवान राम के वंशज हैं। क्या हम उन्हें रोक सकते हैं? यह रिश्ता वास्तविक है। हम इसे मिटा नहीं सकते। लेकिन अगर आप पता करते हैं कि क्या सोनल कभी भी पीएम के आधिकारिक निवास पर गईं तो आपको पता चल जाएगा कि यह संबंध कितना मजबूत है। सवालöसोनल पीएम मोदी से कब मिली थीं? जवाबöजब से नरेंद्र भाई देश के प्रधानमंत्री बने हैं, मुझे नहीं पता कि उनके घर का दरवाजा कैसा दिखता है। मुझे नहीं पता तो मेरे बच्चों को कैसे पता चलेगा? हम उनसे तभी मिल सकते हैं, जब वह हमें आमंत्रित करें। अगर वह हमें नहीं बुलाते हैं तो मैं उनके दरवाजे पर इंतजार नहीं कर सकता। सवालöजब भी पीएम मोदी अहमदाबाद/गांधीनगर आते हैं तो वह हीरा बा (अपनी मां) से मिलने जाते हैं। जवाबöवह बा से मिलते हैं, लेकिन इस बात को लेकर काफी स्पष्ट निर्देश होते हैं कि परिवार के बाकी सदस्य दूर ही रहें। अपनी शुरुआती यात्राओं में वह जब भी बा से मिलने गए हैं, तो आपने गौर किया होगा कि छोटे भाई का परिवार भी आसपास दिखाई देता था, लेकिन अब नहीं। पिछले कुछ सालों की तस्वीरें उठाकर देखेंगे तो पिछले कुछ सालों में बा के अलावा तस्वीर में कोई और नजर नहीं आता है। अगर पार्टी हमें उनके परिवार के तौर पर देखती है और हमें टिकट नहीं देती है तो यह पार्टी का स्टैंड है। नरेंद्र जब पंकज के यहां जाते हैं, क्योंकि बा वहां रहती हैं, लेकिन इस बात का क्या मतलब कि जब वह आते हैं तो एक भी बच्चा दिखाई नहीं देता जब उन्होंने घर छोड़ ही दिया है और उन्हें परिवार की जरूरत नहीं तो हम भी नहीं जाते।

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