Sunday, 7 February 2021

पाक पर ईरानी सर्जिकल स्ट्राइक

पाकिस्तानी आतंकियों के लगातार हमले से भड़की ईरान की सेना ने अमेरिका और भारत की राह पर चलते हुए कथित रूप से पाकिस्तानी सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की और अपने दो सैनिकों को छुड़ा लिया। बताया जा रहा है कि ईरान के अत्यंत प्रशिक्षित रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-अल-अदल के ठिकाने पर हमला करके करीब ढाई साल से बंदी अपने जवानों को छुड़ा लिया। ईरान की फार्स न्यूज एजेंसी के मुताबिक जैश-अल-अदल एक कट्टरपंथी वहाबी आतंकवादी गुट है जो दक्षिणी-पश्चिमी पाकिस्तान में ईरान सीमा पर सक्रिय है। फार्स न्यूज एजेंसी ने बताया कि जैश-अल-अदल ने ही फरवरी 2019 में ईरान सेना पर हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमें कई जवान मारे गए थे। ईरानी सेना ने गुप्त सूचना के आधार पर मंगलवार की रात को इस सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। ईरानी सेना ने एक बयान जारी करके कहाöमंगलवार की रात को एक सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है और पिछले ढाई साल से जैश-अल-अदल के कब्जे में बंदी दो सैनिकों को छुड़ा लिया गया। बयान में कहा गया है कि ईरानी सैनिक सफलतापूर्वक देश वापस लौट आए हैं। एनाडोलु एजेंसी के मुताबिक 16 अक्तूबर 2018 को जैश-अल-अदल ने ईरानी सेना के 12 बॉर्डर गार्ड्स का अपहरण कर लिया था। इस घटना को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के मर्कवा शहर में अंजाम दिया गया था। यह इलाका पाक-ईरान सीमा के नजदीक है। इसके बाद दोनों देशों की सेना ने जवानों को छुड़ाने के लिए एक ज्वाइंट कमेटी भी बनाई थी। जैश-अल-अदल को आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है। यह संगठन ईरान के खिलाफ सशस्त्र अभियान चलाए हुए है। इसमें बलोच सुन्नी मुसलमान शामिल हैं जो ईरान सुन्नियों के अधिकारों की रक्षा का दावा करते हैं। बता दें कि दो मई 2011 को अमेरिकी सैनिक एक स्पेशल ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में दाखिल हुए और अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को मारकर साथ ले गए। इसी तरह 28-29 सितम्बर 2016 की वह रात को शायद पाकिस्तान कभी भूल नहीं पाएगा। जब भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में घुसकर आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर कई आतंकी मार गिराए थे। ईरान की कार्रवाई पाकिस्तान की भूमि पर हुई। इस सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में पाकिस्तान सरकार या सेना को ईरान द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई, न उन्हें जानकारी थी। सूत्रों के अनुसार इसी वजह से आतंकियों पर आईआरजीसी के हमले के बाद पाकिस्तानी सैनिक भी बचाव में कूद पड़े लेकिन कई गार्ड्स के विशेष प्रशिक्षित ईरानी सैनिकों के हाथों मारे गए। जैश-अल-अदल एक वहाबी व बलूच सुन्नी मुसलमानों का बनाया आतंकी संगठन है। यहां के रसूखदारों से उसे फंडिंग मिलती है और बदले में वह दक्षिण-पूर्वी ईरान में नागरिकों व सैनिकों पर आतंकी हमले करता रहता है। वहीं ईरान ने कई बार पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियां रोकने के लिए चेताया है। लेकिन हमले जारी रहे। अदल को कई देशों ने प्रतिबंधित किया हुआ है। इस घटना से एक बार फिर साबित होता है कि पाकिस्तान अपनी सर जमीन से इन आतंकी गुटों को न केवल ऑपरेट करने देता है बल्कि उनकी पूरी मदद करता है। इससे साबित होता है और इस बात की पुष्टि होती है कि जो भारत सालों से कह रहा है। एक बार फिर पाकिस्तान बेनकाब हुआ है।

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