Published on 11
August, 2012
अनिल नरेन्द्र
अमेरिका
के विस्कांसिन राज्य के गुरुद्वारे में गोलीबारी में मारे गए निर्दोषों को श्रद्धांजलि
स्वरूप राष्ट्रपति बराक ओबामा ने देश की सभी सरकारी इमारतों और विदेश में अमेरिकी मिशनों
की इमारतों पर लगे अमेरिकी ध्वजों को आधे झुकाने का आदेश दिया है। ये ध्वज 10 अगस्त
तक झुके रहेंगे। ओबामा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि विस्कांसिन की इस विवेकाहीन
हिंसा के शिकार लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए और 65 वर्षीय सतवंत कालेका
ने हीरो की तरह जानें बचाईं, उसके लिए मैं व्हाइट हाउस और सभी सरकारी इमारतों, सैन्य चौकियों, नौसेना केंद्रों, सभी अमेरिकी
अधिकार क्षेत्रों, कोलंबिया जिले की संघीय सरकार के नौसैनिक पोतों सहित पूरे
अमेरिका में अमेरिकी ध्वज को शुक्रवार तक रोजाना सूर्यास्त तक आधा झुकाए रखने का आदेश
देता हूं। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम का वहां रहने वाले सिख समुदाय के लोगों ने
स्वागत किया है। विस्कांसिन गुरुद्वारे की इस शूटिंग की डिटेल अब धीरे-धीरे आ रही है।
इस गोलीबारी में और ज्यादा तबाही हो सकती थी। यूं तो गुरुद्वारे गोलीकांड में छह लोगों
ने अपनी जान गंवाई लेकिन इन मृत लोगों में कोई ऐसा भी है, जिसने अपनी जान
देकर दर्जनों लोगों को मौत के मुंह में जाने से रोक लिया। यह थे विस्कांसिन गुरुद्वारे
के 65 वर्षीय प्रमुख सतवंत सिंह कालेका। जिस समय 40 वर्षीय अश्वेत नवनाजी बेगुनाहों
पर गोलियां बरसा रहा था, उस वक्त कालेका अपनी कृपाण लेकर अकेले ही उस पर टूट पड़े।
हालांकि इस घटना में उनकी जान चली गई लेकिन अब जबकि सब कुछ शांत हो चुका है, तब पूरा अमेरिका
उन्हें हीरो के रूप में याद कर रहा है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कालेका जिस
वक्त हमलावर वैड माइकल पेज का मुकाबला कर रहे थे, उस वक्त बहुत सी महिलाएं और बच्चे
घटनास्थल से भागने में सफल हो गए। लेकिन कई लोगों को बचाने वाला यह बुजुर्ग खुद को
नहीं बचा सका और इस बेमेल संघर्ष में वह हमलावर की गोलियों का शिकार हो गए। लोगों ने
बताया कि गुरुद्वारे में एकत्रित बहुत सी महिलाएं और बच्चे हमलावर की गोलियों की जद
में थे, लेकिन कालेका ने बड़ी बहादुरी से एक हद तक हमलावर की गतिविधि को धीमा कर दिया।
इस घटना पर उनके बेटे अमरदीप कालेका ने बताया कि
जब तक वह हमलावर के साथ संघर्ष करते रहे तब तक वहां मौजूद महिलाओं को सुरक्षा
मिलती रही। गुरुद्वारे पर हमला करने वाले हमलावर वैड माइकल पेज के शरीर पर टैंटू बने
हुए थे, जो गुप्त नस्लीय कोड के प्रतीक थे और उसके श्वेत उन्मादी विचारों का स्पष्ट
संकेत हैं। पेज की गर्दन के नीचे दाहिने बांह पर टैंटू बना था, जिसमें 838 लिखा
हुआ था। यह संख्या इस बात का संकेत है कि कोई व्यक्ति एक उन्मादी मुहिम का हिस्सा है।
यह भी पता चला है कि वैड माइकल अमेरिकी सेना में काम करने के दौरान अपने सहकर्मियों
को गोरों की नस्ली श्रेष्ठता का पाठ पढ़ाया करता था। उधर एफबीआई ने एक नया रहस्योद्घाटन
कर कहा कि पुलिस की गोली लगने के बाद वैड माइकल ने खुद ही अपने सिर पर गोली मार ली
और इससे उसकी मौत हो गई। उधर अमेरिका में राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार मिट
रोमनी ने इस घटना पर दुख जताते हुए वो सिख को शेख कह गए। आइयोवा राज्य में चुनाव प्रचार
के लिए चन्दा जुटाने की एक रैली के दौरान रोमनी ने अपने भाषण में गुरुद्वारे पर हुए
हमले का जिक्र किया। लेकिन वह अकसर अरब लोगों के लिए इस्तेमाल होने वाले सम्मान सूचक
शब्द `शेख' और `सिख' में अन्तर नहीं कर पाए। उन्होंने दो बार सिख की जगह शेख
का इस्तेमाल किया। हालांकि इससे पहले इलिनाइस में एक कार्यक्रम में रोमनी ने गुरुद्वारे
हमले में मारे गए लोगों के लिए जब मौन रखा, तो उन्होंने सिख शब्द का इस्तेमाल किया था। लेकिन आइयोवा
में उनकी जुबान फिसल गई। उन्होंने कहा, `हमने उन लोगों के सम्मान में एक पल का मौन रखा जिन्होंने
शेख मंदिर पर हुए हमले में जान गंवाई।' ये बहुत सारी वजहों से एक त्रासदी है। आगे उन्होंने कहा, `इन कारणों में
ये तथ्य भी शामिल हैं कि शेख (सिख) लोग सबसे ज्यादा शांतिप्रिय और प्यारे लोग हैं। ऐसा ही
उनका धर्म भी है।'
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