Sunday 26 August 2012

आए अवैध तरीके से और बन गए घर जंवाई यह बांग्लादेशी घुसपैठिए


 Published on 26 August, 2012

 अनिल नरेन्द्र


बेशक आग अभी असम में लगी है मगर उसकी जड़ें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तक फैली हैं। यहां भी जरा-सी चिंगारी कभी भी आग की शक्ल अख्तियार कर सकती है। मैं इन अवैध बांग्लादेशियों की बात कर रहा हूं। आज तक यह सही अनुमान किसी ने नहीं लगाया कि इन अवैध बांग्लादेशियों की देश में सही संख्या कितनी है? इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एण्ड एनॉलिसिस (आईडीएसए) की रिपोर्ट बताती है कि देश में दो करोड़ से अधिक अवैध बांग्लादेशी मौजूद हैं। देश में रहने वाले और भारतीय नागरिकों जैसी सुविधाएं भोग रहे यह अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल रहने पर दिल्ली की एक अदालत ने केंद्र सरकार को हाल ही में जमकर झाड़ भी लगाई। अदालत ने दो बांग्लादेशी नागरिकों को डकैती एवं हत्या के मामले में क्रमश उम्रकैद और 10 साल कैद की सजा सुनाते हुए कड़ी टिप्पणी की। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने कहा, `हमारा देश उन सभी आपराधिक तत्वों के लिए स्वर्ग बन गया है जो अपने रास्ते में आने वाले किसी व्यक्ति के साथ अत्यंत कूरता एवं बर्बरता से पेश आते हैं।' उन्होंने कहा कि जब देश के असली नागरिक अत्यंत गरीबी का सामना कर रहे हैं तो सरकार भारत में गैर कानूनी तरीके से रह रहे और नागरिकों जैसे सभी लाभ हासिल कर रहे इन दो करोड़ से अधिक बांग्लादेशियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में दिक्कत क्या है? न्यायाधीश ने कहा कि यह सरकार  और प्रशासन की ठोस कार्रवाई का अभाव है जिसने अदालतों को कदम उठाने पर विवश कर दिया है। सरकारी एजेंसियों की विफलता कहें या राजनेताओं की वोट लोलुपता, लेकिन हकीकत यह है कि कभी यमुना किनारे बसे झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों ने अब सरकार द्वारा मुहैया कराए  आवासों में पहुंचने तक सफलता हासिल कर ली है। इन घुसपैठियों के पास न सिर्प भारतीय मतदाता पहचान पत्र है बल्कि राशन कार्ड से लेकर वे तमाम दस्तावेज मौजूद हैं जो इन्हें स्थानीय नागरिक बनाने के लिए काफी हैं। ये लोग न सिर्प सरकारी सुविधाएं भोग रहे हैं बल्कि अब तो दिल्ली-एनसीआर के मुस्लिम परिवारों में इन्होंने शादियां भी रचानी शुरू कर दी हैं। दिल्ली पुलिस के रिकॉर्ड में छोटे-बड़े कुल 3000 से अधिक बांग्लादेशी अपराधियों का ब्यौरा दर्ज है। इनमें कुछ तो ऐसे हैं जो बाकायदा बांग्लादेश में बैठकर ही गिरोह का संचालन करते हैं। दिल्ली पुलिस के एक आला अधिकारी के अनुसार समस्या बांग्लादेशी घुसपैठियों के भारतीय संस्कृति में घुल-मिल जाने से ज्यादा आ रही है। ऐसे कई बांग्लादेशी पकड़े गए हैं जिन्होंने हापुड़, दादरी आदि इलाकों में शादियां कर रखी हैं। कई बार यह भी देखने को आया है कि बांग्लादेशियों को पकड़कर सीमा पार छोड़ने गई पुलिस टीम के वापस लौटने से पहले ही वे बांग्लादेशी दोबारा दिल्ली पहुंच जाते हैं। खास बात यह है कि बांग्लादेश से आए कुछ लोग नकली मुद्रा भी अपने साथ लाते हैं। अभी हाल ही में क्राइम ब्रांच ने दो ऐसे मामले पकड़े जिसमें प. बंगाल से नकली नोट दिल्ली लाए गए थे। यहां आकर पुरुष जहां चोरी, लूट का काम करते हैं वहीं उनकी महिलाएं व बच्चे ड्रग्स तस्करी में जुट जाते हैं। लूट का माल खपाने के लिए कुछ ट्रैवल एजेंटों की भी मदद ली जाती है। जैसा मैंने कहा कि पूरे देश में कभी भी आग लग सकती है।

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