Friday, 31 August 2012

रामदेव के ट्रस्टों का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा और विदेशी सम्पत्तियां जब्त


 Published on 31 August, 2012

अनिल नरेन्द्र

योग गुरू बाबा रामदेव पर सरकारी शिकंजा कसता जा रहा है। हाल ही में दिल्ली में बाबा के आंदोलन के दौरान शुरुआती दिनों में जरूर लगा था कि शायद अन्दर खाते बाबा की सरकार से कोई डील हो गई है, क्योंकि बाबा सोनिया को माता कह रहे थे और राहुल को भाई पर आंदोलन के अंतिम दिनों में बाबा सख्त हो गए और उन्होंने कांग्रेस पर हल्ला बोल दिया। अब केंद्र सरकार ने अपनी सारी एजेंसियों को रामदेव के कारोबार में खामियां निकालने के लिए लगा दिया है। बाबा रामदेव दान के नाम पर कारोबार कर रहे हैं, ऐसा कहना है आयकर विभाग का। आयकर विभाग का कहना है कि योग गुरू का पतांजलि योग पीठ ट्रस्ट कारोबार कर रहा है। मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार आयकर विभाग बाबा रामदेव के ट्रस्ट का चैरिटेबल संगठन के तौर पर रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा ट्रस्ट को दी जाने वाली सभी छूट भी वापस लेने की तैयारी में है। आयकर विभाग के अनुसार बाबा रामदेव का ट्रस्ट पतांजलि योग पीठ कामर्शियल गतिविधियों में शामिल है, साथ ही ट्रस्ट कमाई करने में जुटा है। इन्कम टैक्स विभाग ने पतांजलि योग पीठ का रजिस्ट्रेशन रद्द करने से पहले सौ सवालों की लिस्ट भेजी है। खबर यह भी है कि इंग्लैंड में दान मिले द्वीप समेत बाबा रामदेव की विदेश स्थित करोड़ों की सम्पत्तियों को जब्त करने की तैयारी भी शुरू हो गई है। दरअसल इन सभी सम्पत्तियों को हासिल करने के लिए रामदेव के निकट सहयोगी बालकृष्ण के पासपोर्ट का इस्तेमाल हुआ है और सीबीआई इस पासपोर्ट के फर्जी होने के आरोप में अदालत में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। मनी लांड्रिंग कानून के तहत फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर बनाई गईं सम्पत्तियां जब्त की जा सकती हैं। ईडी के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार बाबा की विदेश में करोड़ों रुपए की सम्पत्तियां जिन ट्रस्टों के नाम हैं, उनमें बालकृष्ण ट्रस्टी हैं। ये सम्पत्तियां नेपाल, मॉरीशस, इंग्लैंड और अमेरिका में स्थित हैं। इनमें इंग्लैंड में पोद्दार दम्पति द्वारा दिया गया एक द्वीप भी शामिल है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जल्द ही बालकृष्ण को हिरासत में लेकर इन सम्पत्तियों के बारे में पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही संबंधित देशों की सरकार से इन सम्पत्तियों और उनके मालिकों के बारे में आधिकारिक दस्तावेज मंगाए जाएंगे। पासपोर्ट कानून का उल्लंघन मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत श्रेणीबद्ध अपराध है। जाहिर है कि पासपोर्ट कानून का उल्लंघन कर बनाई गई सम्पत्तियों को ईडी जब्त कर सकता है। फर्जी पासपोर्ट के मामले में सीबीआई पहले ही बालकृष्ण के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर  चुकी है, इसलिए ईडी कानूनी रूप से इन सम्पत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। अदालत द्वारा बालकृष्ण को दोषी करार ठहराए जाने के बाद ये सम्पत्तियां अस्थायी रूप से जब्त कर ली जाएंगी। ईडी पहले  भी विदेश में स्थित सम्पत्ति को मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत जब्त कर चुका है। किडनी रैकेट चलाने वाले डॉ. अमित कुमार पर किडनी रैकेट से कमाए गए धन से ईडी द्वारा जब्त सम्पत्ति को खरीदने का आरोप है।


 

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