Thursday, 23 August 2012

पाक का परमाणु जखीरा कितना सुरक्षित?


 Published on 23 August, 2012

अनिल नरेन्द्र 

दूसरे देशों के अंदरुनी मामलों में दखलंदाजी करने से बाज नहीं आते पाकिस्तान को अपने देश में क्या हो रहा है इस पर ज्यादा तवज्जो देनी चाहिए। इन जेहादी संगठनों का हौसला इतना बढ़ गया है कि अब यह पाकिस्तान स्टेट को ही चुनौती देने से डरते नहीं हैं। आधुनिक हथियारों से लैस और आत्मघाती जैकेट पहने तालिबान आतंकवादियों ने गत बृहस्पतिवार को तड़के पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित वायुसेना के एक अत्यंत महत्वपूर्ण ठिकाने पर हमला किया। दोनों तरफ से भीषण गोलीबारी में नौ हमलावर और एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई और परिसर के कुछ हिस्सों में आग लग गई। ऐसा समझा जाता है कि वायुसेना के इस महत्वपूर्ण ठिकाने में परमाणु हथियारों का भंडार है। इस वायुसेना एयरबेस में बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद सैन्य वर्दी पहने आतंकी तड़के करीब दो बजे राजधानी से सिर्प 40 किलोमीटर के फासले पर पंजाब प्रांत स्थित कामरा हवाई ठिकाने में घुस गए। हमलावरों ने कम से कम तीन अवरोध पार किए और एफ-16 और चीन में बने जेएफ-17 विमानों को निशाना बनाने का प्रयास किया। पंजाब में अटक जिले में स्थित यह हवाई ठिकाना न्यूयार्प टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन महत्वपूर्ण ठिकानों में से एक है, जहां पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का भंडार है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस ठिकाने पर पाकिस्तान ने अपने कम से कम एक सौ आयुध रखे हैं। पाक खबरिया चैनलों की खबरों के अनुसार रॉकेट और रॉकेटों से दागे जाने वाले ग्रैनेडों से लैस हमलावरों ने साब 2000 निगरानी विमानों को भी निशाना बनाने की कोशिश की। पाकिस्तानी वायुसेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि हवाई ठिकाने के भीतर आठ आतंकवादियों की मौत हो गई और एक ने परिसर के भीतर जाकर जहां वह छिपा हुआ था वहां विस्फोट में खुद को उड़ा लिया। हमले में एक सैनिक की भी मौत हो गई जबकि हवाई ठिकाने के कमांडर एयर कोमोडोर मोहम्मद आजम को हमलावरों के खिलाफ अभियान का नेतृत्व करने के दौरान कंधे पर गोली लगी। यह अभियान तीन घंटे से अधिक तक चला। तहरीक-ए-तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी  ली है। उसके प्रवक्ता एहसानुल्ला क्सांन ने कहा कि तालिबान कमांडर बेतुल्ला महसूद और अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन की मौत का बदला लेने के लिए समूह केआत्मघाती हमलावरों ने इसे अंजाम दिया। उसने दावा किया कि हमलावरों ने अपना लक्ष्य हासिल किया और सुरक्षाबलों को प्राणघातक धक्का दिया। आतंकवादियों के इस हमले से ठीक 24 घंटे पहले अमेरिका के रक्षामंत्री लियोन पेनेटा ने पाकिस्तान के परमाणु हथियार आतंकवादियों के हाथों में जाने का खतरा जताया था। पाकिस्तान के सैनिक प्रतिष्ठानों पर कायराना हमलों की श्रृंखला की यह ताजा कड़ी है। इससे पहले पाकिस्तानी तालिबान से जुड़े आतंकवादी रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय और कराची में एक प्रमुख नौसैनिक ठिकाने को निशाना बना चुके हैं। ऐसे ही एक हमले में 23 अक्तूबर 2009 को कामरा वायु सैनिक ठिकाने के बाहर एक आत्मघाती बम वाहक ने विस्फोट किया था, जिससे सात व्यक्तियों की मौत हो गई थी। पाकिस्तान का परमाणु जखीरा अब जेहादियों की नजरों में है। अभी तक तो वह कामयाब नहीं हुए। अगर कामयाब हो गए तो...?


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