Saturday 25 August 2012

बाबा रामदेव की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रहीं



 Published on 25 August, 2012

अनिल नरेन्द्र


योग गुरु बाबा रामदेव से संप्रग सरकार अब अपनी खुंदक निकालने पर तुली हुई है। बाबा पर सीधा हाथ न डालते हुए सरकार ने उनकी फार्मेसी और उनके सबसे करीबी बालकृष्ण पर हाथ डाला है। दिल्ली में रामलीला मैदान पर आंदोलन खत्म करके बाबा हरिद्वार पहुंचे ही थे कि उनके हरिद्वार स्थित दिव्ययोग आश्रम में गुरुवार को उत्तराखंड खाद्य विभाग के अफसरों ने छापा मारा और आयुर्वेदिक दवाइयों के सैम्पल इकट्ठे किए। तीन घंटे तक चली कार्रवाई में शहद, नमक, चने का आटा इत्यादि के सैम्पल भरे गए। रामदेव ने इसे केंद्र सरकार के इशारे पर की गई कार्रवाई करार दिया। उन्होंने कहा कि यह आम आदमी और उच्च वर्ग के बीच की लड़ाई है। क्या उन्होंने (सरकार ने) कभी विदेशी कम्पनियों पर छापे मारने की हिम्मत की? लेकिन मुझे निशाना बनाया गया पर छापे के थोड़ी देर बाद बाबा के लिए एक अच्छी खबर आई। उनके सबसे करीबी बालकृष्ण को उत्तराखंड हाई कोर्ट ने गुरुवार को जमानत दे दी। बालकृष्ण को फर्जी दस्तावेज से जुड़े मामलों में सीबीआई ने 20 जुलाई को गिरफ्तार किया था। बालकृष्ण पर पासपोर्ट हासिल करने के लिए फर्जी एजुकेशन डिग्री का इस्तेमाल करने का आरोप है। बालकृष्ण की जमानत याचिका निचली अदालतों से दो बार खारिज हो चुकी है, जिसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली थी। सीबीआई ने 10 जुलाई को बालकृष्ण के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। समन भेजे जाने के बाद भी बालकृष्ण पेश नहीं हुए थे। बाबा और बालकृष्ण की दोस्ती अटूट साबित हो रही है। आचार्य की गिरफ्तारी से न तो व्यवसायों पर फर्प पड़ा और न ही वे अटकलें सच हुईं कि दोनों के संबंधों को लेकर मतभेद हैं। जमानत पर रिहा होकर लौटते ही पतंजलि योग पीठ के तमाम अधिकारी फिर बालकृष्ण के पास आ गए हैं। एमडी के रूप में तमाम प्रतिष्ठानों के अधिकारी आचार्य को रिपोर्ट कर रहे हैं। पिछले साल चार जून की घटना के बाद जिस तरह आचार्य को पासपोर्ट के मुद्दे पर सीबीआई ने घेरना शुरू किया था, उसे देखते हुए अटकलें लगाई जा रही थीं कि बाबा रामदेव का परिवार पतंजलि योग पीठ के तमाम अधिकार सम्भाल लेगा। बाबा हालांकि बार-बार यह कहते रहे कि आचार्य के बगैर पतंजलि का अस्तित्व अधूरा है। यह सारी आशंकाएं निराधार साबित हुईं। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण में आत्मीय संबंध हैं पर बाबा रामदेव की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके सहयोगी बालकृष्ण के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है। इसके बाद बालकृष्ण को फिर गिरफ्तार किया जा सकता है। ईडी जांच करेगा कि बालकृष्ण ने विदेशों से धन के लेन-देन में मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून का किस तरह से उल्लंघन किया है। सूत्रों के मुताबिक यह मामला बालकृष्ण के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर किया गया है। ईडी को शक है कि इस फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर बालकृष्ण ने विदेशों से गैर-कानूनी धन का लेन-देन किया है। बाबा रामदेव की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। मनमोहन सरकार हर तरह से बाबा पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। इससे तो यह भी लगता है कि बाबा और सरकार के बीच कोई गुप्त समझौता नहीं हुआ जैसी अटकलें लगाई जा रही थीं।

 

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