Saturday 4 August 2012

इजरायली अधिकारी कार हमले केस में आरोप पत्र दाखिल


 Published on 4 August, 2012 

अनिल नरेन्द्र

 

इजरायली दूतावास कार विस्फोट मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को तीस हजारी कोर्ट में पत्रकार सैयद मोहम्मद अहमद काजमी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। मुख्य महानगर दंडाधिकारी विनोद यादव के समक्ष पेश की गई चार्जशीट में पुलिस ने काजमी के खिलाफ की गई जांच का ब्यौरा दिया है। बीते 13 फरवरी को इजरायली दूतावास की महिला अधिकारी तल यहोशुआ की चलती कार पर स्टिकी बम चिपकाया गया था। हादसे में अधिकारी व भारतीय ड्राइवर दोनों घायल हो गए थे। चूंकि यह मामला एक विदेशी दूतावास की कर्मचारी पर हमले का था और इसमें एक पत्रकार मुख्य आरोपी बनाया गया इसलिए मामला बहुत हाई प्रोफाइल बन गया। कहा यह भी गया कि दिल्ली पुलिस जबरदस्ती मोहम्मद काजमी को फंसा रही है और पुलिस का सारा केस फर्जी है। काजमी की जमानत के लिए मामला हाई कोर्ट तक गया। अब पुलिस ने आरोप पत्र पांच महीने की तफ्तीश के बाद अदालत में दाखिल किया है। आरोप पत्र में कहा गया है कि इस हमले की साजिश के तार मलेशिया, थाइलैंड और इजरायल एवं अन्य जगहों से जुड़े हैं। इजरायली दूतावास पर हमले के एक बड़े षड्यंत्र को सोच-समझकर  अंजाम दिया गया। जांच में सहयोग के लिए अदालत की तरफ से जॉर्जिया, मलेशिया, ईरान, थाइलैंड और इजरायल को लैटर रेगटूरी जारी किया गया है ताकि इन देशों से आरोपियों को लेकर अतिरिक्त जानकारी जुटाई जा सके। इस मामले में पुलिस जांच की सूई मई से ही ईरानी मूल के लोगों की ओर थी। पुलिस ने मामले की जांच के दौरान छह मार्च को ईरानी न्यूज एजेंसी के पत्रकार सैयद मोहम्मद अहमद काजमी को गिरफ्तार किया था। काजमी से पूछताछ व मोबाइल कॉल की जांच के बाद ईरानी नागरिक होशांग अफसर ईरानी का नाम खासतौर पर सामने आया था। हमले वाले दिन भी ईरानी की  उपस्थिति भारत में ही बताई  गई और वह उसी शाम बैंकाक और फिर वहां से क्वालालाम्पुर गया। मामले की जांच के दौरान होशांग अफसर ईरानी के अलावा ईरानी नागरिक सैयद अली मेहंदी सदर, मोहम्मद रजा, अब्दुल गाइमी सेडागंजजत मसूद का भी नाम सामने आया था। पुलिस ने यह भी कहा कि इजरायली राजनयिकों पर हमले की ऐसी ही साजिश जॉर्जिया में भी रची गई लेकिन इसे पहले ही नाकाम कर दिया गया। मलेशिया में भी 14 फरवरी को आतंकी हमले हुए थे। इस सिलसिले में मसूद को गिरफ्तार किया गया। जहां तक साजिश में काजमी की भूमिका का सवाल है चार्जशीट में पुलिस ने कहा कि उन्हें काजमी के मोबाइल की जांच से पता चला है कि अशरफ इजरायली दूतावास कार विस्फोट को अंजाम देने के लिए भारत आया। अशरफ होटल हाई फाइव में रुका था और यहां पर उसने काजमी से फोन पर सम्पर्प किया था। अशरफ के होटल में रुकने के सीसीटीवी फुटेज और अन्य रिकॉर्ड को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। इसके बाद अशरफ ने काजमी की मदद से स्कूटर खरीदा और उसका इस्तेमाल उसने इजरायली दूतावास की रेकी करने के लिए किया। यह स्कूटर उन्होंने काजमी के घर से बरामद किया है। इसके बाद अशरफ ने होटल के कमरे में स्टिकी बम तैयार किया। बम बनाने का सामान उन्होंने होटल में अशरफ की सीलिंग के दौरान बरामद किया है। सीएफएसएल जांच में यह बात साबित हो गई है कि यह वही विस्फोटक है, जिसके माध्यम से कार में विस्फोट किया गया। इसके अतिरिक्त काजमी विस्फोट वाले दिन चारों ईरानी नागरिकों के सम्पर्प में था। इसके सुबूत पुलिस ने चार्जशीट रिपोर्ट के साथ अदालत में पेश किए। अब चूंकि मामला अदालत में है दूध का दूध पानी का पी होने की सम्भावना है। दिल्ली पुलिस को अदालत में अपने आरोपों को साबित करना होगा। चूंकि मामला अंतर्राष्ट्रीय है इसलिए हमें लगता है कि इजरायली गुप्तचर एजेंसी मोसाद, एफबीआई भी कहीं न कहीं जांच में शामिल होगी। सारी दुनिया की नजरें इस केस पर अब टिकी हुई हैं, देखें क्या होता है?

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