Published on 18 June,
2013
अनिल नरेन्द्र
क्या इसे महज इत्तफाक ही कहा जाए कि इधर भारत सरकार
के पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली सनसनीखेज खुलासा करते हैं कि तेल और गैस आयात करने
वाली लॉबी हर पेट्रोलियम मंत्री को धमकी देती है और उधर पेट्रोल के दाम में दो रुपए
प्रति लीटर वृद्धि शनिवार रात से लागू कर दी जाती है? भारत सरकार के किसी मंत्री का
ऐसा सनसनीखेज बयान पहले नहीं आया जिससे यह पता लगे कि इस सरकार को तेल लॉबी ब्लैकमेल
भी करती है। कैबिनेट में फेरबदल की सम्भावनाओं के बीच मोइली के इस बयान ने देश में
एक नया राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है। शुक्रवार को मीडिया के साथ बातचीत में मोइली
ने कहा कि देश को तेल उत्पादन में आत्म निर्भर बनने से रोकने में एक लॉबी काम कर रही
है। मैं पूरे दायित्व से यह बात कह रहा हूं कि यह लॉबी हर पेट्रोलियम मंत्री को धमकी
देती है। मंत्रालय अधिकारियों को भी फैसला लेने से रोका जाता है। यह लॉबी चाहती है
कि भारत में कच्चे तेल व गैस का उत्पादन नहीं बढ़े और देश को आयात पर निर्भर रहना पड़े।
जबकि हमारे देश में तेल व गैस के पर्याप्त भंडार हैं। यह उन्हें निकाल नहीं पा रहे।
मोइली को जब इस लॉबी के लोगों के नाम बताने
को कहा गया तो उन्होंने इससे इंकार कर दिया। मोइली के इस बयान की तेज प्रतिक्रिया होना
स्वाभाविक ही है। सबसे पहला सवाल तो यही उठता है कि कौन हो सकता है लॉबिंग करने वाला
या वाले? भारत कच्चे तेल का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक देश है और आत्म निर्भर होने जा
रहा है और मोइली के अनुसार 2030 तक देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने पर
तेजी से काम चल रहा है। चीन व अमेरिका अगले कुछ वर्षों में तेल उत्पादन में आत्म निर्भर
होने जा रहे हैं। तेल उत्पादक देश भारत जैसे विशाल बाजार को नहीं खोना चाहते, इसलिए
हो सकता है कि मोइली का इशारा इन पर हो। दूसरा है एलएनजी आयातक कम्पनियां। रोल, ब्रिटिश
पेट्रोलियम सहित कई घरेलू कम्पनियां भारत में एलएनजी आयात करने का टर्मिनल लगा रही
हैं और इस पर अरबों डॉलर का निवेश किया जा रहा है। ये नहीं चाहेंगी कि भारत में गैस
उत्पादन बढ़े। तीसरी सम्भावना है तेल आयातक कम्पनियां। भारत अपनी जरूरत का लगभग 80
फीसद तेल आयात करता है, इसलिए न सिर्प सरकारी व निजी तेल कम्पनियां बल्कि अन्य बिचौलिया
कम्पनियों ने भी बहुत बड़ा ढांचा तैयार कर रखा है। हालांकि विपक्ष ने मोइली के बयान
को झूठ करार दिया है। भाकपा नेता गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि यह सरासर लूट है और यदि
वह यह कहते हैं कि उन पर आयातकों का दबाव है तो वह झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि
सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियां ही देश में तेल और गैस का आयात करती हैं और मोइली जिस
दबाव की बात कर रहे हैं, वह उनकी तरफ से ही होना चाहिए जो कि सम्भव नहीं है। पूर्व
पेट्रोलियम मंत्री भाजपा के राम नाइक ने कहा कि मोइली को अंधेरे में तीर नहीं चलाना
चाहिए और साफ-साफ लॉबिंग करने वालों का नाम बताना चाहिए। भाकपा नेता अतुल कुमार अंजान
ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच को विशेष टीम से
करवाना चाहिए। राम नाइक ने यह भी कहा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि किस मजबूरी
में पांच वर्षों तक एक ही व्यक्ति (स्वयं नाइक) ही इस पद पर रहा?
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