Published on 25 June,
2013
अनिल नरेन्द्र
मतदाता को जल्द ही यह पता लग सकेगा कि उसने चुनाव में
ईवीएम के माध्यम से जो वोट डाला है वह उसी उम्मीदवार के पक्ष में गया है कि नहीं जिसके
लिए उसने मतदान किया था। इस प्रक्रिया में मतदाता की पुष्टि के लिए एक प्रकाशित पर्ची
जारी की जाएगी और निर्वाचन आयोग की ओर से वोटर वैरीफाइड पेपर ऑडिट (वीवीपीएटी) प्रणाली
को लागू किए जाने पर जल्द ही यह योजना हकीकत का रूप ले लेगी। निर्वाचन आयोग ने हाल
ही में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने हाल ही में वीवीपीएटी डिजाइन को मंजूरी दी
है और इसे पूरी तरह दुरुस्त बनाने के लिए इसमें कुछ और सुधार की जरूरत है। आयोग ने
इस नई व्यवस्था पर विचार-विमर्श करने के लिए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित
किया। आयोग ने उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक ईवीएम मशीनों से जोड़ने के लिए जून में
करीब 250 प्रिंटर हासिल किए जाएंगे। परीक्षण के बाद उपचुनाव में इन्हें प्रायोगिक स्तर
पर लगाया जाएगा। नई प्रणाली सम्भवत देशभर में अगले आम चुनाव में क्रियान्वित नहीं की
जाएगी क्योंकि हरेक ईवीएम मशीन से जोड़ने के लिए इस तरह के 13 लाख नए उपकरणों की जरूरत
होगी। इस पर करीब 1700 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। नई प्रणाली के तहत एक मतदाता ईवीएम
में एक बटन दबाकर उस उम्मीदवार का नाम, पार्टी का नाम और सीरियल नम्बर की प्रकाशित
पर्ची हासिल कर सकेगा, जिसके पक्ष में उसने अपना वोट डाला है। इस प्रणाली के जरिए मतदाता
अपने वोट की पुष्टि कर सकेगा। लेकिन मतदान की गोपनीयता को सुनिश्चित करने के लिए मतदाता
को यह पर्ची अपने साथ घर ले जाने की अनुमति नहीं होगी। कुछ राजनीतिक दलों ने इस नई
प्रणाली का पक्ष लिया है लेकिन ईवीएम व्यवस्था में लम्बे समय से सुधार की मांग कर रहे
कुछ राजनीतिक दल नई व्यवस्था को जांचे-परखे बिना इस पर अपनी कोई राय बनाने से हिचक
रहे हैं। भाजपा काफी पहले से ही इस तरह की व्यवस्था अपनाए जाने की वकालत कर रही थी लेकिन उसकी सहयोगी पार्टियों ने इस बारे में अभी
कोई राय नहीं दी। भाजपा के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हम इसके पक्ष में
हैं और निर्वाचन आयोग को आगामी लोकसभा चुनाव में इस नई व्यवस्था को इसकी कमियां दूर
कर अपनाए जाने के लिए कहते रहे हैं। कांग्रेस ने हालांकि इस विचार का समर्थन किया लेकिन
इस नई व्यवस्था के बारे में अपनी राय नहीं बनाई है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नई
प्रणाली कैसे काम करती है। हम इस पर विचार करेंगे और उसके बाद टिप्पणी। जनता दल (यू)
के शरद यादव ने भी कहाöपहले हम नई व्यवस्था देखेंगे और उसके बाद अपनी राय देंगे। भाकपा
सचिव डी. राजा ने कहा कि वामदल ईवीएम की विश्वसनीयता बढ़ाए जाने की मांग करते रहे हैं
और लगता है कि इस संबंध में यह एक समाधान है। उल्लेखनीय है कि ईवीएम मशीनों को लेकर
अकसर विवाद बना रहता है। कई देशों ने इसको इस्तेमाल करके रद्द कर दिया है। भारत में
यह मामला विभिन्न अदालतों में भी उठा है। अगर ईवीएम की विश्वसनीयता बढ़ाई जा सकती है
तो उसका स्वागत है।
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