Thursday, 11 July 2013

दोस्ती की मीठी-मीठी बातें करे और सीमा पर आक्रामक चालें?


 Published on 11 July, 2013 
 अनिल नरेन्द्र 
कहावत है चोर चोरी से जाए सीना जोरी से नहीं जाता। हमारे पड़ोसी चीन पर यह फिट बैठती है। भारत के रक्षामंत्री एके एंटोनी के चीन दौरे के बीच शुक्रवार को  चीन और पाकिस्तान ने आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें चौंकाने वाला एक समझौता यह भी है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र गुलाम कश्मीर में 18 अरब डॉलर की लागत से चीन 200 किलोमीटर लम्बी एक सुरंग बनाएगा जो कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरेगी। पाक-चीन ने शुक्रवार को जो समझौते किए हैं उनसे दोनों देश इससे न केवल द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूती देना चाहते हैं बल्कि ऊर्जा के लिए काफी कुछ आयात पर निर्भर चीन के लिए तेल आपूर्ति मार्ग भी सुगम बनेगा। कहने को इस करार का मकसद चीन की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे तेल आपूर्ति के लिए रास्ता देना है, लेकिन यह भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से खतरनाक हो सकता है। पाक-चीन आर्थिक गलियारे से चीन का रणनीतिक हित जुड़ा हुआ है। चीनी पीएम ने कहा है कि 200 किलोमीटर सुरंग अरब सागर में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को उत्तर-पश्चिम चीन में शिनजियांग में कारागर से जोड़ेगी। रणनीतिक लिहाज से अहम ग्वादर बंदरगाह का नियंत्रण इसी साल चीन के हाथ में आया है। इससे उसकी अरब सागर तथा पश्चिम एशिया स्ट्रेट ऑफ होरमुज (जलडमरू मध्य) तक पहुंच आसान हो जाएगी, जहां से दुनिया के करीब एक-तिहाई तेल का परिवहन होता है। दोस्ती की मीठी बातों और सीमा पर आक्रामक चालों के साथ चीन के इस नए पैंतरे ने भारत की चिन्ता बढ़ा दी है। मार्च में चीन के नेतृत्व परिवर्तन के बाद राष्ट्रपति शी फिनफिंग ने आते ही भारत के साथ अच्छे रिश्तों की अहमियत जताई। कुछ ही हफ्ते बाद चीन की सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय हद में तम्बू गाड़ दिए। सीमा पर तनाव कराने के लिए सात साल बाद हो रहे भारतीय रक्षामंत्री के दौरे से ठीक पहले चीन की सेना के एक जनरल के आग उगलते बयान ने चीन की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए। उल्लेखनीय है कि चीन सेना के मेजर जनरल लुमाचुआन ने भारत को सीमा पर सैन्य विकास न करने और उकसाने की किसी कार्रवाई पर नई समस्या पैदा करने को लेकर चेताया। साथ ही बड़बोले जनरल ने भारत पर चीन के 90 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जे की तोहमत जड़ दी। इस बयान को पूरी तरह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। चीन की ओर से जम्मू-कश्मीर को विवादित इलाका बताना व वहां के नागरिकों को नत्थी वीजा देने से लेकर संबंध सुधारने की यात्रा पर जाने वाले भारतीय सेना के एक जनरल को वीजा से इंकार जैसी घटनाएं तो होती रहती हैं पर अब भारतीय क्षेत्र में 200 किलोमीटर लम्बी सुरंग बनाने का प्लान भारत की अखंडता व सुरक्षा पर भारी चोट है। हमारी सरकार अब भी हिन्दी-चीनी भाई-भाई की रट लगा रही है। दो दिन पहले चीनी सेनाओं ने नई हरकतें की हैं। चीनी सेना ने लेह-लद्दाख सेक्टर में न केवल घुसपैठ ही की बल्कि स्थानीय लोगों को हिन्दी भाषा में धमकाया भी। चीनी सेना ने एक कदम आगे बढ़ते हुए इस बार वहीं लगे हाई रिजोल्यूशन कैमरे को भी तोड़ दिए  जिसे भारतीय सेना ने चीनी सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए करीब एक महीना पहले ही लगाए थे।

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