Published on 3 July,
2013
अनिल नरेन्द्र
नवीं मुंबई के पास तलोजा सेंट्रल जेल में माफिया डॉन
अबू सलेम पर गुरुवार को एक कातिलाना हमला हुआ। सलेम मुंबई में 1993 के बम धमाकों का
आरोपी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सलेम पर हमला एक कैदी ने किया। उसका नाम जगताप
बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सलेम पर फायरिंग की गई। गोली सलेम के
हाथ में लगी। अबू सलेम के वकील सबा कुरेशी ने कहा कि उन्होंने 20 दिन पहले तलोजा जेल
के जेलर को सलेम पर हमले की जानकारी दे दी थी। लेकिन फिर भी उसकी सुरक्षा नहीं की गई।
सलेम भारत की जेलों में सुरक्षित नहीं है। इसलिए उसे पुर्तगाल प्रत्यार्पित किया जाए।
आर्थर रोड जेल में 2010 में हुए हमले के दौरान उन्होंने जेल अधिकारियों से मिलकर सलेम
की सुरक्षा कड़ी करने की मांग की थी। उस समय दाउद इब्राहिम के गुर्गे मुस्तफा दोसा
ने सलेम पर चम्मच को धारदार बनाकर हमला किया था। उसी के बाद सलेम को सेंट्रल जेल तलोजा
में शिफ्ट किया गया था। आम धारणा यही है कि अंडर वर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम ने अबू सलेम
पर हमला कराया है। दाउद के सिपहसालार छोटा शकील ने मीडिया हाउस को फोन कर फायरिंग की
घटना की जिम्मेदारी लेने की जानकारी दी है। सलेम शुरुआत में डी कम्पनी के लिए ही काम
किया करता था परन्तु टी सीरीज कैसेट किंग गुलशन कुमार हत्याकांड के बाद वह दाउद से
अलग हो गया और अपना अलग से गैंग बना लिया था। जेल अधिकारियों ने बताया कि जगताप ने
सलेम पर दो गोलियां चलाईं। एक पास से निकल गई और दूसरी सलेम के हाथ में लगी। चूंकि
देवेन्द्र जगताप ने देसी कट्टे से फायरिंग की थी तीसरी बार गोली चलाने के वक्त कट्टा
जाम हो गया। जगताप वकील शाहिद आजमी के कत्ल के आरोप में जेल काट रहा है। सलेम पर फायरिंग
करने वाले देवेन्द्र जगताप उर्प जेडी भारत-नेपाली गैंग का सदस्य है। इस साजिश को अंजाम
देने के लिए तलोजा जेल में एक महीने पहले ही गुपचुप ढंग से रिवाल्वर पहुंचा दी गई थी।
यह भी कहा जा रहा है कि जगताप को गैंग के अन्य सदस्य मनोज ने उसे रिवाल्वर तब दी थी
जब जगताप अदालत में हाजिरी देने गया था। यह भी कहा जा रहा है कि जगताप को रिवाल्वर
एक जन्मदिन केक के अन्दर छिपाकर पहुंचाई गई थी। अबू सलेम पर हमले के मामले में तलोजा
जेल के जेलर संजय साबले और तीन कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया गया है। इन पर ड्यूटी
के वक्त लापरवाही बरतने का आरोप है। 1993 के मुंबई सीरियल बम विस्फोट के आरोपी सलेम
को 11 नवम्बर 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पण कर लाया गया था। सलेम पर ताजा हमले से
एक बात यह तो साफ होती है कि माफिया सरगना जेल में नए-नए गुर्गों की भर्ती कर अपना
काम बदस्तूर जारी रखे हुए है। सरगना का हुक्म मिलते ही यह गुर्गे जेल के भीतर अपने
दुश्मनों पर हमला करने से नहीं चूकते। सलेम पर पहला हमला भी आर्थर रोड जेल में दाउद
इब्राहिम के साथी मुस्तफा दोसा ने किया था। गुरुवार शाम को हुए हमले की जिम्मेदारी
भी दाउद के सहयोगी छोटा शकील ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में स्वीकार की है। शकील
ने कहा कि सलेम भाई (दाउद) का दुश्मन है और छोटा राजन से मिल गया है, इसलिए हम उसे
मरवाना चाहते हैं। शकील ने दावा किया कि इस बार वह फिर बच गया पर कब तक बचेगा। अगली
बार सलेम नहीं बचेगा।
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