Friday 19 July 2013

राहुल गांधी को लेकर कांग्रेस में असमंजस की स्थिति

प्रकाशित: 19 जुलाई 2013
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राहुल गांधी के मुख्य राजनीतिक सलाहकार दिग्विजय सिंह ने संकेत दिया कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करेगी। हालांकि उन्होंने यह भी नहीं कहा कि अगर पार्टी अगले साल होने वाले आम चुनाव में भी जीतती है तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एक बार फिर इस सर्वोच्च पद के उम्मीदवार होंगे। सिंह ने एक साक्षात्कार में कहा कि हमारे यहां राष्ट्रपति शासन की प्रणाली नहीं है। कांग्रेस पार्टी चुनाव से पहले न तो मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करती है और न ही प्रधानमंत्री पद का। उनसे पूछा  गया था कि कांग्रेस राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश करने को लेकर संकोच क्यों करती है और उसकी ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा। राहुल गांधी को अभी से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने में कांग्रेस पार्टी का संकोच साफ नजर आ रहा है। कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह समेत कई नेताओं के परस्पर विरोधी बयानों से पल्ला झाड़ते हुए सोमवार को कहा है कि प्रधानमंत्री पद के लिए पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की उम्मीदवारी पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। एक पत्रकार वार्ता में पार्टी के महासचिव अजय माकन ने कहा कि इस बारे में अभी तय नहीं किया गया है। जब भी इस पर फैसला होगा तो आपको पता चल ही जाएगा। जब इस मामले में सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगला लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की अगुवाई में लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हैं जो चाहते हैं कि पार्टी इस मामले में एक एजेंडा रखे, मगर ऐसे लोगों को पार्टी की मूल कार्यप्रणाली की समझ नहीं है। पार्टी के कई नेताओं का कहना है कि राहुल प्रधानमंत्री पद के स्वाभाविक उम्मीदवार हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष के तौर पर पार्टी संगठन में नम्बर दो पर हैं। दरअसल हमें लगता है कि मोदी बनाम राहुल की बहस से कांग्रेस परहेज कर रही है। कांग्रेस चाहती है कि पर्सनेलिटी वॉर से पार्टी को बचना चाहिए। पार्टी का फिलहाल पूरा फोकस विचारधारा व मुद्दों पर होना चाहिए। पार्टी मोदी पर तो विचारधारा व मुद्दों के बहाने वॉर करेगी लेकिन राहुल को इस बहस से दूर रखने का प्रयास करेगी। पार्टी की कम्युनिकेशन टीम ने हाल में एक बैठक की थी। बैठक में कई प्रवक्ताओं ने कहा कि हमें कोशिश करनी चाहिए कि राजनीतिक लड़ाई का रुख मोदी बनाम राहुल न होने पाए। पार्टी का मानना है कि टीम मोदी पूरे राजनीतिक परिदृश्य को अमेरिकी पैटर्न पर ले जाना चाहती है। यहां दो पर्सनेलिटी के बीच लड़ाई नहीं हो सकती बल्कि विचारधारा और मुद्दों की लड़ाई होनी चाहिए। अपने कार्यकाल के आखिरी साल में दाखिल हो चुकी यूपीए सरकार को अगर आज की तारीख में चुनाव करवाने पड़े तो एक सर्वे के अनुसार भ्रष्टाचार, महंगाई, घोटाले और बड़े फैसले लेने में असमर्थता की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। क्या नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया जाए तो वह 36 फीसद लोगों की पसंद के साथ पहले नम्बर पर हैं। कांग्रेस के नम्बर दो राहुल गांधी को पीएम पद के लिए 13 फीसदी लोगों ने वोट दिया और मनमोहन सिंह के लिए महज 12 प्रतिशत वोट मिले। कटु सत्य तो यह है कि आज की तारीख में राहुल गांधी की छवि धूमिल है, उन्हें भाजपा गम्भीरता से नहीं लेती, यही वजह है कि कांग्रेस उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करने से फिलहाल कतरा रही है।
-अनिल नरेन्द्र

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