Thursday 18 July 2013

अब लड़ाई भाजपा बनाम कांग्रेस नहींö अब लड़ाई है मोदी बनाम कांग्रेस

प्रकाशित: 18 जुलाई 2013
नरेन्द्र मोदी के बढ़ते कदमों से जहां भाजपा फूली नहीं समा रही वहीं कांग्रेस के हाथ-पांव फूल रहे हैं। भाजपा का ब्रांड बन चुके नरेन्द्र मोदी को भाजपा घर-घर पहुंचाने में जुट गई है। इसके लिए तय किया गया है कि भाजयुमो (भाजपा का यूथ विंग) के कार्यकर्ता मोदी की फोटोयुक्त टी-शर्ट पहनेंगे। भाजयुमो अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के अनुसार इस बार एक करोड़ युवाओं को पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए फेसबुक, ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया की मदद ली जाएगी। उधर कांग्रेस अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर हो गई है। कांग्रेस के हमले का केंद्र अब भाजपा नहीं बल्कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। मोदी को कांग्रेस लगातार एक सूबे का मुख्यमंत्री और नेता बताकर ज्यादा अहमियत देने से इंकार करती रही। अब उसे मोदी के बयान के एक-एक शब्द और एक-एक पंक्ति पर कांग्रेस आलाकमान पूरी तैयारी से ताबड़तोड़ जवाब देगी। संकेत साफ है। बदली राजनीतिक परिस्थितियों में कांग्रेस मान चुकी है कि उसके लिए मुख्य चुनौती मोदी हैं। यही कारण है कि कांग्रेस अब 2014 की लड़ाई को पूरी तरह से धर्मनिरपेक्षता बनाम सांप्रदायिकता बना देने की रणनीति पर काम करती है। मोदी के हिन्दू कार्ड खेलने के बाद कांग्रेसी एकजुट और रणनीति के तहत हमला कर आगामी लोकसभा चुनाव में यूपीए सरकार की कामयाबियों या नाकामियों की बजाय धर्मनिरपेक्षता के इर्द-गिर्द पूरी सियासी बहस को केंद्रित करने की तैयारी में जुट गए हैं। गुजरात विधानसभा नतीजे के बाद कांग्रेस मोदी को लेकर खुद को चिंतित नहीं दिखाना चाह रही थी। यहां तक कि भाजपा की ओर से मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाने के लगातार संकेत देने के बाद भी पार्टी अपनी पुरानी रणनीति पर चल रही थी पर अब नरेन्द्र मोदी कांग्रेस के निशाने पर नम्बर वन हैं। उनकी हर बात का जवाब दिया जाएगा। पुणे में रविवार को नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला किया तो जवाब में सोमवार को पूरी कांग्रेस ने भाजपा के चुनाव अभियान के मुखिया पर हल्ला बोल दिया। कुत्ते के बच्चे वाले बयान के बाद कांग्रेस के निशाने पर मोदी का धर्मनिरपेक्षता बना बुर्का  वाला बयान है। नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा था कि अपनी अगुवाई वाली सरकार के भ्रष्टाचार व बेकाबू महंगाई को लेकर कांग्रेस गहरे संकट में फंसी है। लिहाजा नाकामियों से ध्यान हटाने के लिए वह एक बार फिर धर्मनिरपेक्षता रूपी बुर्के में छिप गई है। लेकिन इस बार उसकी दाल गलने वाली नहीं है। लोग झांसे में नहीं आएंगे। इस बयान के बाद पहले दिग्विजय सिंह से लेकर मनीष तिवारी ने मोदी पर सांप्रदायिकता के मुद्दे पर हमला किया। वहीं बाद में कांग्रेस मुख्यालय  में पार्टी के मंच से सम्पर्प विभाग के प्रमुख अजय माकन आंकड़ों के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री के खिलाफ कूद पड़े। उन्होंने गुजरात को ही पिछड़ा करार दिया और देश से पहले अपने प्रदेश को ठीक करने की सलाह दी। दिग्विजय ने कहा कि मोदी पहले अपनी धर्मनिरपेक्षता को स्पष्ट करें। मनीष तिवारी ने मोदी पर तीखा कटाक्ष किया और कहा कि धर्मनिरपेक्षता के लबादे में सभी धर्म के लोग समा जाते हैं जबकि सांप्रदायिकता का बुर्का अलगाववादी है। यह भारत के मूल सिद्धांत सर्वधर्म समभाव के विचार और अलगाववाद के बीच युद्ध है। मोदी देश के मूल विचार के लिए खतरा हैं। जैसा मैंने कहा कि अब लड़ाई भाजपा बनाम कांग्रेस नहीं बल्कि मोदी बनाम कांग्रेस बन गई है।

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