Published on 2 July,
2013
अनिल नरेन्द्र
राहुल गांधी ने पिछले दिनों कांग्रेस संगठन में शीर्ष
स्तर पर कई बदलाव किए हैं। कई महासचिवों की जिम्मेदारियां बदली गई हैं। कई राज्यों
की प्रदेश कमेटियां बदली गईं, अध्यक्ष बदले गए। इनमें उल्लेखनीय है दिल्ली प्रदेश की
नई टीम। इसमें राहुल गांधी की छाप साफ नजर आती है। पिछले छह साल से पुरानी टीम को ढो
रहे प्रदेशाध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल की, आखिर हाई कमान ने सुन ही ली। शुक्रवार को
कांग्रेस मुख्यालय की ओर से जारी लिस्ट में जय प्रकाश अग्रवाल की ज्यादा चली। खुद अग्रवाल
को मेनीफेस्टो और पब्लिसिटी कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। इससे यह पूरी तरह साफ हो
गया है कि अब नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव जेपी की अगुवाई में लड़े जाएंगे।
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को इस बार दोनों कमेटियों में एक्स आफिसी मेम्बर बनाया गया
है। कमेटियों में जय प्रकाश अग्रवाल के लोगों को ज्यादा तरजीह देकर कांग्रेस उपाध्यक्ष
राहुल गांधी ने उनका कद और भी बढ़ा दिया है। खास बात यह है कि इस टीम के विशेष आमंत्रित
सदस्यों में सरकार के मंत्रियों को जगह नहीं दी गई है। टीम में पूरा बदलाव देखने को
मिल रहा है और करीब 90 फीसदी पदाधिकारियों को बदल दिया गया है। 68 सदस्यों वाली इस
टीम में भारी फेरबदल हुआ है और सालों से किसी न किसी तरह जगह बनाए रखने वाले कागजी
नेताओं को इस बार बाहर का रास्ता दिखाया गया है। प्रदेश कांग्रेस की पुरानी टीम को
प्रदेशाध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल पिछले छह सालों से ढो रहे थे। छह साल पूर्व तत्कालीन
अध्यक्ष रामबाबू शर्मा ने इस टीम को बनाया था और जेपी चाहते हुए भी इस टीम में कोई
बड़ा बदलाव नहीं कर पाए। सूत्र बताते हैं कि इसका कारण यह था कि टीम को लेकर हमेशा
जेपी और मुख्यमंत्री में तनातनी रहती थी, जिसके कारण हाई कमान ने इसमें कोई बदलाव करने
की इजाजत अध्यक्ष को नहीं दी। आखिर छह साल बाद जब इसकी इजाजत मिली तो जेपी की पूरी
सुनवाई की गई। खास बात यह भी रही कि टीम में बनाए गए 12 उपाध्यक्षों में से एक को भी
रिपीट नहीं किया गया। दिल्ली के ज्यादातर बड़े नामों को कांग्रेस वर्किंग कमेटी में
परमानेंट इन्वाइटी के तौर पर रखा गया है। इनमें शीला दीक्षित के साथ-साथ ताजदार बाबर,
चौधरी प्रेम सिंह, योगानन्द शास्त्राr, सुभाष चोपड़ा, सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर
को एडजस्ट किया गया है। दिल्ली के सभी सांसदों कपिल सिब्बल, संदीप दीक्षित, अजय माकन,
कृष्णा तीरथ, महाबल मिश्रा, रमेश कुमार, करण सिंह, जनार्दन द्विवेदी और परवेज हाशमी
को भी रखा गया है। इस बदलाव में ज्यादातर एमएलए को बाहर रखा गया है। इसके पीछे वजह
बताई जा रही है कि मौजूदा विधायकों को चूंकि चुनाव लड़ना है, इसलिए उन्हें इन जिम्मेदारियों
से दूर रखा गया है। हालांकि इस लिस्ट में कुछ नाम ऐसे भी हैं जिनका नाम पहली बार सुन
रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि पार्टी के युवा नेता राहुल गांधी प्रदेश की टीम को लेकर
खासे गम्भीर थे और उन्होंने साफ निर्देश दिया था कि टीम में सरकार के मंत्रियों व विधायकों
को शामिल करने की बजाय जमीन से जुड़े नेताओं को तरजीह दी जाए। शीला और जेपी के बीच
सुलह कराने के लिए उन्होंने कई बैठकें कीं। उन्होंने दोनों को हिदायत भी दी थी कि संगठन
की मजबूती के लिए दोनों एक मंच पर आएं। उसी का नतीजा है कि शुक्रवार को कांग्रेस की
नई कार्यकारिणी की लिस्ट जारी की गई।
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