Thursday 25 July 2013

विजय बहुगुणा पहुंचे केदारनाथ धाम, की पूजा-अर्चना-जलाभिषेक


प्रकाशित: 25 जुलाई 2013
देश के विभिन्न शिव मंदिरों में भगवान शिव के भक्तों का सैलाब सावन के पहले दिन उमड़ने लगा। सावन के पहले दिन शिव भक्तों के उत्साह से मंदिर गुंजायमान हो रहे हैं। बड़ी संख्या में कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है। पूरे महीने चलने वाली इस यात्रा के लिए विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। हरिद्वार में इस माह में तीन से पांच करोड़ लोगों के पहुंचने की सम्भावना है जो वहां से गंगा जल लेकर शिव मंदिर में अर्पित करेंगे। देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। केदारनाथ धाम का भले ही अभी शुद्धिकरण न हुआ हो, सैकड़ों लाशें अभी भी मलबे के नीचे दबी हों, कराहें और रुदन अभी भी वातावरण में जहां-तहां सुनाई दे रही हों लेकिन नेता हैं कि वह सावन के पहले सोमवार को केदारनाथ धाम पहुंच ही गए। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और भाजपा नेत्री उमा भारती ने भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना के साथ ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक किया। केदारनाथ मंदिर परिसर में आए मलबे की सफाई का काम शुरू होने के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा वहां पहुंचे। बहुगुणा के चीफ सैकेटरी सुभाष कुमार और इंजीनियर्स इंडिया प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (ईआईपीएल) के विशेषज्ञों के साथ मुख्यमंत्री ने मंदिर का दौरा किया। ईआईपीएल के पांच सौ लोगों की टीम मंदिर से मलबा हटाने के काम में लग गई है। मलबे के नीचे से लाशें भी निकल रही हैं। टीम को उम्मीद है कि जल्द ही इसकी सफाई करा यहां नियमित पूजा शुरू कराई जा सकेगी। मंदिर के आसपास कम से कम 40 छोटी-बड़ी इमारतें क्षतिग्रस्त हैं। इन्हें हटाने और मरम्मत का काम चुनौतीपूर्ण है। इससे पहले सीएम ने यह ऐलान किया कि मंदिर के 500 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के निर्माण की इजाजत नहीं दी जाएगी। यहां ध्वस्त की जाने वाली परिसम्पत्तियों की बाकायदा वीडियो रिकार्डिंग और नम्बरिंग की जाएगी ताकि पुनर्निर्माण में संबंधित लोगों को प्राथमिकता दी जा सके। केदारनाथ   में मंदिर से मलबा हटाने का काम तेजी से चल रहा है। सोमवार को गर्भगृह की सफाई पूरी कर सभा मंडप से मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया। बताया जा रहा है कि इसमें तीन-चार दिन लगेंगे। सोमवार को केदारनाथ पहुंचे मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद सफाई कार्य में श्रमदान भी किया। उन्होंने कहा कि मंदिर की गरिमा को प्रभावित किए बिना यहां आपदा की चपेट में आए लोगों की याद में एक स्मृति स्थल भी बनाया जाएगा। जिस शिला से मंदिर की रक्षा हुई वह पूजनीय है। इस शिला को संजोए रखने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों से योजना बनाने को भी कहा गया है। आपदा के बाद पहली बार केदारनाथ मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों का जायजा लिया और उन्होंने अधिकारियों को केदारनाथ क्षेत्र में पेयजल व बिजली व्यवस्था शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री की केदारनाथ यात्रा धाम के पुरोहितों को पसंद नहीं आई। श्रीनिवास पोस्ती जो केदारनथ धाम के तीर्थ पुरोहित हैं ने कहा कि जब सरकार मंदिर के शुद्धिकरण की बात कर रही है तो फिर वहां पूजा-अर्चना कैसे कर दी गई। यह गलत है। वहीं महेश बगवाड़ी जो तीर्थ पुरोहित हैं धाम के उन्होंने कहा कि बिना शुद्धिकरण के मंदिर में पूजा-अर्चना कैसे की जा सकती है? जो कुछ हुआ उसका कोई औचित्य नहीं है। जय बाबा केदारनाथ।

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