प्रकाशित: 25 जुलाई 2013
यह बहुत खुशी की बात है कि भारत में अब क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों पर भी ध्यान जा रहा है। क्रिकेट के बाद हॉकी का नम्बर आया और अब बैडमिंटन का वक्त आ गया है। बैडमिंटन में भी विधिवत लीग शुरू होने जा रही है। आईपीएल की तर्ज पर होने वाली भारतीय बैडमिंटन संघ की बहुप्रतीक्षित इंडियन बैडमिंटन लीग (आईबीएल) की सोमवार को हुई नीलामी में खिलाड़ियों पर जमकर पैसा बरसा। सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी ली चोंग वेई रहे जबकि भारतीय खिलाड़ियों में पैसा कमाने के मामले में साइना नेहवाल अव्वल रहीं। दुनिया के नम्बर वन खिलाड़ी वेई को मुंबई मास्टर्स से दोगुने से भी ज्यादा कीमत पर खरीदा गया (करीब 80.29 लाख रुपए) जबकि साइना के लिए उनकी घरेलू टीम हैदराबाद ने सबसे ज्यादा बोली लगाई (करीब 71 लाख)। हैदराबादी खिलाड़ी पीवी सिंधु के लिए लखनऊ की अवध वॉरियर्स ने अच्छी रकम लगाई। भारत के एक मात्र पुरुष आइकन खिलाड़ी और राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक विजेता पी. कश्यप को बेंगलुरु की बगा बीट्स ने (करीब 45 लाख रुपए) में खरीदा। इस नीलामी में छह टीमों ने हिस्सा लिया। चीन का कोई भी खिलाड़ी इस नीलामी में शामिल नहीं था। दो आइकन खिलाड़ी ज्वाला गट्टा और अश्विनी पोनप्पा का कोई खरीददार नहीं मिला, जिसके बाद आयोजकों को मजबूरन नियम में बदलाव करते हुए भारत की स्टार डब्ल्स विशेषज्ञ खिलाड़ियों के आधार मूल्य (बेस प्राइज) आधा करना पड़ा। दरअसल आईबीएल में महिला डब्ल्स मैच नहीं होने हैं और इसको देखते हुए बेस प्राइज देने को कोई तैयार नहीं हुआ। इसके बाद ज्वाला को दिल्ली स्मैर्स ने करीब 18 लाख, 41 हजार में खरीदा जबकि पोनप्पा को पुणे पिस्टंस ने करीब 14 लाख 87 हजार में खरीदा। आईपीएल की तर्ज पर की जा रही आईबीएल 14 से 31 अगस्त के बीच देश के 6 अलग-अलग शहरों में खेली जाएगी। इस लीग में कुल 6 टीमें होंगी। हर टीम में 6 देसी, 4 विदेशी और एक जूनियर खिलाड़ी होगा। हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे, दिल्ली, लखनऊ के अलावा मुंबई की टीमें आईबीएल के पहले सीजन में भाग लेंगी। नीलामी के बाद देखना होगा कि दर्शकों में बैडमिंटन के प्रति कितनी दिलचस्पी बढ़ती है। इसी पर निर्भर होगी। इस लीग की कामयाबी। दर्शकों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए खेल के नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। दिल्ली में खिलाड़ियों की बोली के दौरान टेनिस स्टार सानिया मिर्जा और ओलम्पिक ब्रांज मेडलिस्ट गगन नारंग की मौजूदगी बताती है कि आयोजकों ने दूसरे खेलों के खिलाड़ियों की स्टार वैल्यू को भी इस्तेमाल करने से परहेज नहीं किया। सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज क्रिकेटर और दक्षिण भारत के स्टार नागार्जुन का टीम के मालिकों में शामिल होना भी उनकी स्टार वैल्यू को इस्तेमाल करने में शुमार है। दरअसल अब हर खेल के स्टार खिलाड़ी को ब्रांड बनाकर मार्केट करने का रिवाज शुरू हो चुका है। इसमें कोई शक नहीं कि बैडमिंटन को देश में बढ़ावा देने में सानिया का लंदन ओलंपिक्स में मैडल जीतने ने विशेष भूमिका निभाई। अब देखना यह होगा कि क्रिकेट, हॉकी की तर्ज पर देश में बैडमिंटन कितनी लोकप्रिय हो सकती है। बेशक इसमें समय लगे पर हमारा मानना है कि यह सही दिशा में सही कदम है। उम्मीद की जाती है कि अन्य खेलों पर भी ध्यान जाएगा और ऐसे ही खिलाड़ियों व खेल दोनों को प्रोत्साहन मिलेगा।
-अनिल नरेन्द्र
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