सूरज की तपिश ने अभी से लोगों के पसीने छुड़ाने शुरू
कर दिए हैं। समूचा उत्तर भारत अप्रैल में जून महीने की गर्मी से झुलस रहा है। शनिवार
को दिल्ली और जमशेदपुर में सीजन का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया। राजधानी दिल्ली
में तो पिछले पांच सालों में 16 अप्रैल का दिन सबसे गरम रहा। यहां पारा 44 डिग्री सेल्सियस
तक पहुंच गया जो सामान्य से लगभग छह डिग्री अधिक था। दिल्ली-एनसीआर
सहित देश के कई हिस्सों में लू ने लोगों को घरों में बंद रहने को मजबूर कर दिया। पूर्वी
उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत
कई स्थानों पर रविवार को भी लू चलने के आसार सामने आए। मौसम विभाग की ओर से अप्रैल
की शुरुआत में पूर्वानुमान जारी किया गया था। इसमें अप्रैल, मई
और जून में अधिक गर्मी और लू चलने की बात कही गई थी। बीते पांच सालों में
16 अप्रैल को तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक
नहीं रहा। अधिकतम के साथ-साथ न्यूनतम तापमान भी इस अवधि में सर्वाधिक
रहा। आने वाले सप्ताह में 22 अप्रैल तक पारा 39 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है, वहीं न्यूनतम तापमान में भी एक से दो डिग्री सेल्सियस
की गिरावट होगी। राजधानी में अभी से ही गरम हवाओं से चेहरे झुलसने लगे हैं। ऐसे में
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि अप्रैल में ही हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। इसलिए
इस गर्मी से बचकर रहें। पानी और तरल पदार्थ का इस्तेमाल अधिक करें ताकि शरीर में पानी
की कमी न हो। ऐसे मौसम में शरीर में पानी की कमी खतरनाक साबित हो सकती है। डाक्टर कहते
हैं कि शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस होता है। सर्दियों
में तापमान नियंत्रित करने के लिए शरीर अपने अंदर गर्मी उत्पन्न करता है। गर्मी में
तापमान अधिक होने पर पसीना शरीर को ठंडक देता है। यदि मौसम का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाए तो शरीर को तापमान के अनुरूप ढालने में दिक्कत
होती है। इसके चलते अधिक देर धूप में रहने के कारण हीट स्ट्रोक की आशंका रहती है। यह
मस्तिष्क को सबसे अधिक प्रभावित करता है। इसके प्रभाव से जान भी जाने का खतरा रहता
है। गर्मी के प्रभाव से कई लोगों को बुखार के साथ-साथ पसीना आता
है। यदि गर्मी तेज हो और पसीना आना बंद हो जाए तो यह खतरे की घंटी है। यह हीट स्ट्रोक
के लक्षण होते हैं। सर्दियों की तुलना में गर्मी में अधिक पानी पीना चाहिए। गर्मी से
बचाव के लिए नींबू पानी का सेवन जरूर करें। यदि थकान महसूस हो तो तुरन्त पानी पी लें।
गर्मी के असर से डिहाइड्रेशन की परेशानी भी होती है। इससे बचाव के लिए हर तीन घंटे
में पानी पीते रहें। घर से बाहर निकलने पर धूप से बचने के लिए छतरी का इस्तेमाल भी
कर सकते हैं।
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