Thursday 7 April 2016

सीमा की सुरक्षा करती भारत की वीरांगनाएं

भारत के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि हमारी महिलाएं अब किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। बस मौका मिलना चाहिए। ताजा उदाहरण महिलाओं का फाइटर पायलट बनने का है। भारतीय वायु सेना में देश में पहली बार तीन महिला पायलट लड़ाकू विमान की पायलट बनने जा रही हैं। महिला लड़ाकू पायलटों का पहला बैच 18 जून को भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाएगा। एयरचीफ माशर्ल अरुप राहा ने बताया कि तीन महिला पशिक्षु अधिकारियों ने लड़ाकू भूमिका में शामिल किए जाने की इच्छा व्यक्त की है। राहा ने कहा कि हमने 1991 में महिलाओं को पायलटों के रूप में इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया था लेकिन यह केवल हेलिकाप्टर और परिवहन विमानों के लिए किया गया था। महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए 18 जून को भारतीय वायु सेना में महिला पायलट का पहला बैच शामिल किया गया। भावना कांता, अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह देश की पहली महिला फाइटर पायलट बनने जा रही हैं। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इसे सैन्य वर्दी में महिलाओं की भूमिका के लिहाज से निर्णायक मोड़ बताया है। फिलहाल ये तीन महिला पायलट दूसरे चरण का पशिक्षण ले रही हैं। राहा ने कहा 18 जून को उनकी पासिंग आउट परेड है। इसके पूरा होते ही वे अपने पुरुष सहकर्मियों के समान जिम्मेदारी निभा रही होंगी। हालांकि भारतीय वायुसेना एकेडमी से पास होने के बाद भी उन्हें वास्तव में लड़ाकू बेड़े में शामिल किए जाने से पहले छह महीने का एक और कोर्स करना होगा। फाइटर पायलट के लिए हार्डशिप से ज्यादा मैंटल एबिलिटी और फ्लाइंग स्किल अहम होती है। इसी मैंटल स्ट्रैंथ और कंस्नट्रेसन के लिए उन्हें मोबाइल से भी दूर रखा जा रहा है। फ्लाइंग की हर बारीकी सिखाने के बाद उनका टेस्ट होना है। टेक्निकल सब्जेक्टस के लिए  पासिंग मार्क्स 90ज्ञ् और इमरजैंसी सब्जेक्ट के लिए 100ज्ञ् है। हर स्टेज पर ग्राउंड सब्जेक्ट और फ्लाइंग दोनो सिखाए जाते हैं और दोनों में अव्वल आना जरूरी है। वैसे बता दें कि केवल एयरफोर्स में ही नहीं आधुनिक बलों में भी महिलाओं को सबसे अधिक मौका दिया जाता है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीआईएसएफ के स्थापना दिवस के मौके पर कहा कि अब देश की सीमा की सुरक्षा भी वीरांगनाएं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पैरामिलिट्री फोर्स में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना आवश्यक है। हर बल में महिलाओं की 33 पतिशत हिस्सेदारी सुनिश्चित होनी चाहिए। वैसे बता दें कि एक अनुमान के मुताबिक फायटर पायलट के पूरे कैरियर के दौरान उनको पशिक्षण (ट्रैनिंग) पर औसतन 20 करोड़ रुपए खर्च होते हैं।

    -अनिल नरेन्द्र

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