Wednesday 13 April 2016

दिल्ली सरकार की शिक्षा क्षेत्र में जीरो टॉलरेंस की नीति

भ्रष्टाचार के मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए दिल्ली सरकार द्वारा पांच स्कूलों के प्रिंसिपलों को नौकरी से निकालने के निर्देश का स्वागत होना चाहिए। ये प्रिंसिपल स्कूल फंड, स्टूडेंट्स वैलफेयर फंड, छात्रवृत्ति फंड, वेतन, दाखिले आदि में हेराफेरी कर रहे थे। कम से कम ऐसा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कह रहे हैं। उपमुख्यमंत्री और दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को इसके निर्देश दिए। दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने ट्विट कर इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार व गैर जिम्मेदारी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस बताया है। पहला मामला निठारी स्थित गवर्नमेंट ब्वॉयज सीनियर सैकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल अशोक कुमार सिंह का है जिन्होंने एससी-एसटी, ओबीसी, माइनोरिटी, मेरिट स्कॉलरशिप और लाल बहादुर शास्त्री स्कीमों के तहत आने वाले छात्रवृत्ति के पैसे में करीब 30 लाख रुपए की हेराफेरी की। ऐसे ही लाजपत नगर स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय के प्रिंसिपल रहते हुए मुकेश चन्द्र ने 11वीं की विज्ञान और कॉमर्स की क्लास में 12 छात्रों को फर्जी मार्पशीट के आधार पर दाखिला दिया था। एक अन्य मामले में रेलवे कॉलोनी तुगलकाबाद स्थित गवर्नमेंट ब्वॉयज स्कूल के प्रिंसिपल के पद पर कार्य करते हुए अशोक कुमार ने 10वीं में फेल छात्र को 11वीं में दाखिला दिया। हिरन कूदना स्थित को-एड स्कूल के प्रधानाचार्य हरिप्रसाद मीणा ने छात्र कल्याण फंड का पैसा निकालकर एफआईटी असिस्टेंट की जून महीने की सैलरी में दिखा दिया। असिस्टेंट ने जुलाई के महीने में नौकरी ज्वाइन की थी। मीणा पर मिड डे मील के सर्विस प्रोवाइडर से साठगांठ के सबूत भी पाए गए हैं। एक और अन्य मामले में जंगपुरा के गवर्नमेंट ब्वॉयज स्कूल के विद्यालय प्रमुख रहते हुए ओम प्रकाश ने स्कूल की मैगजीन को छपवाने में धांधली की। ईडब्ल्यूएस कोटे के विद्यार्थियों को सुविधाएं नहीं मिलने की आ रही शिकायतों पर दिल्ली सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पब्लिक स्कूलों पर भी छापेमारी करने का फैसला किया है। इसके लिए 24 टीमों का गठन किया गया है। दिल्ली सरकार की टीमें स्कूलों में जाकर जांच करेगी। दाखिला सही आधार पर किया गया है या नहीं? किसी प्रकार की चोरी या भ्रष्टाचार तो नहीं है? ज्ञात हो कि दिल्ली में करीब 400 पब्लिक स्कूल हैं, जिन्होंने सरकार से सस्ती जमीन ली हुई है। नियम के मुताबिक ऐसे स्कूलों को 25 फीसदी गरीब बच्चों को दाखिला देना व उनके लिए सुविधाएं फ्री में उपलब्ध कराना निर्धारित है। हम दिल्ली सरकार की शिक्षा के क्षेत्र में आया भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ उठाए गए कदमों का स्वागत करते हैं। शिक्षा क्षेत्र में इससे सुधार होगा।

-अनिल नरेन्द्र

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