Thursday 14 April 2016

आठ साल बाद डीजी बंजारा की घर वापसी

बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख और इशरत जहां मुठभेड़ मामले में फंसे गुजरात के आईपीएस डीजी बंजारा 9 साल के बाद शुकवार को अपने गृह राज्य गुजरात लौटे। राज्य में उनके पवेश पर कानूनी रोक लगी हुई थी। सीबीआई की विशेष अदालत ने हाल ही में उनको अपैल में गुजरात में पवेश और रहने की अनुमति दी थी। सुबह अहमदाबाद पहुंचने पर एयरपोर्ट पर बंजारा का भव्य स्वागत एक नायक की तरह हुआ। पशंसकों ने तिरंगा लहराकर और चांदी की तलवार भेंट कर गुजरात पुलिस के इस पूर्व अधिकारी का स्वागत किया। मुठभेड़ के सिलसिले में आठ साल जेल में रहने के बाद फरवरी, 2015 में मुंबई की अदालत ने जब बंजारा को इशरत जहां मामले में जमानत दी तो शर्त लगा दिया कि वह गुजरात नहीं जा सकते हैं। इसके बाद वह मुंबई में ही रहे थे। अहमदाबाद लौटते ही बंजारा ने जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि देश को पाक-चीन जैसे देशों से उतना खतरा नहीं है, जितना देशद्रोहियों से है। गांधी नगर टाउन हॉल में बंजारा समाज द्वारा आयोजित नागरिक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सोहराबुद्दीन और इशरत जहां मुठभेड़ असली थी। बंजारा का कहना था कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फर्जी मुठभेड़ मामले में फंसाया गया। उन्होंने कहा कि इशरत जहां समेत मुठभेड़ के ऐसे सभी मामलों में जिनमें उन्हें व गुजरात पुलिस के अन्य अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है पूरी तरह सही है। मुठभेड़ को देश की सर्वोच्च खुफिया एजेंसी आईबी की सूचना पर अंजाम दिया गया था। इसकी जानकारी दिल्ली से लेकर अहमदाबाद तक तंत्र के शीर्ष पर बैठे सभी लोगों को थी लेकिन देशद्रोही नेताओं ने राजनीतिक स्वार्थ के लिए मुझे और मेरे साथियों को षड्यंत्र के तहत झूठे मुकदमे में फंसा दिया। अगर यह मुठभेड़ नहीं होती तो आतंकियों ने गुजरात को दूसरा कश्मीर बना दिया होता । बंजारा के अनुसार गुजरात पुलिस को एक साजिश के तहत बदनाम किया गया, उन पर फर्जी मुठभेड़ का कलंक लगाया गया, जबकि पुलिस ने देश के संविधान व कानून के दायरे में रहते हुए अपने फर्ज को अंजाम दिया था। उन्होंने कहा कि लश्कर आतंकी डेविड हेडली के अदालत में बयान के बाद साफ हो गया है कि उनके खिलाफ किस तरह से राजनेताओं ने साजिश रची। मुठभेड़ में मारी गई इशरत जहां और उसके साथी आतंकवादी थे। उनके बारे में गुजरात पुलिस का दावा बिल्कुल सही था। यह मुठभेड़ 2004 में हुई थी। बंजारा उस समय डीआईजी थे। उन्होंने कहा कि देश में सच्चे सिपाही की कद्र नहीं है। कपटी राजनेताओं ने उन्हें व उनके साथियों को जेल में पहुंचा दिया। बंजारा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अब बैटिंग उनके हाथ में है लोग फील्डिंग के लिए तैयार रहें।

-अनिल नरेंद्र

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