Sunday 24 April 2016

मेरा अगला टारगेट है रियो ओलंपिक्स में मैडल जीतना

22 साल की जिम्नास्ट दीपा कर्माकर ने कुछ महीने बाद होने वाले रियो 2016 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करके इतिहास रच दिया है। यही नहीं, इस भारतीय जिम्नास्ट ने अगले ही दिन ओलंपिक परीक्षण प्रतियोगिता की वाल्त्स स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बन गई हैं। 52 साल में पहली बार किसी भारतीय ने जिम्नास्टिक में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। आखिरी बार 1964 में ऐसा हुआ था। दीपा ने यहां तक पहुंचने के लिए लंबा व कठिन संघर्ष किया है। दीपा छह साल की थी तभी से उसके पिता ने सोच लिया था कि वो इसे जिम्नास्ट बनाएंगे। लेकिन इसमें एक दिक्कत थी। दीपा के पैर के तलवे सपाट थे। ऐसे पैरों के कारण एथलीट के लिए पैर जमाना, भागना या कूदना आसान नहीं होता। पैरों में घुमाव लाना भी असंभव होता है। बावजूद इसके दीपा की जिद थी कि कुछ भी हो जाए, वो जिम्नास्टिक नहीं छोड़ेगी। अंतत दीपा के पिता ने जो भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में वेट-लिफ्टिंग कोच थे, ने उसे अगरतला के विवेकानंद जिम में ट्रेनिंग के लिए भेजा। लेकिन इस जिम में ढंग के इक्विपमेंट भी नहीं थे। मैट लगाकर वॉल्ट की तैयारी करनी पड़ती थी। जिम में बारिश में पानी भर जाता। चूहे और काकरोच भी आ जाते। बावजूद इसके वो अपने हुनर को संवारती रहीं। दीपा की मां गौरी ने बताया कि बेटी ने अपनी पहली जिम्नास्टिक स्पर्धा में उधार की कॉस्ट्यूम पहनी। इतना ही नहीं, उस वक्त उसके पास जूते भी नहीं थे। बावजूद इसके दीपा ने वहां सभी को चौंकाया। वर्षों की कड़ी मेहनत, तपस्या ने आखिर रंग दिखा दिया। आज उसने अपना वो वादा पूरा कर दिखाया। आजादी के बाद ओलंपिक में अब तक सिर्प 11 भारतीय जिम्नास्टों ने हिस्सा लिया है, जिनमें से दो ने 1952, तीन ने 1956 और छह ने 1964 में भाग लिया था पर यह सब पुरुष थे। दीपा कर्माकर का क्वालीफाई करने के बाद अब कहना है कि उनकी नजरें अब रियो ओलंपिक में मैडल जीतने की है। असल में आपका इरादा पक्का हो तो कई बुराइयां भी ताकत बन जाती हैं। दीपा ने यह कर दिखाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दीपा कर्माकर के मुरीद हो गए हैं। उन्होंने मंगलवार को कहा कि इस जिम्नास्ट ने अपने दृढ़ संकल्प से पूरे देश को गौरवान्वित किया है। पीएम ने कहा कि देश की बेटी ने ओलंपिक्स के जिम्नास्टिक्स स्पर्धा के लिए जगह अपने दृढ़ संकल्प से हासिल की है। संसाधनों की कमी को अपने आड़े नहीं आने दिया। हम दीपा को बधाई देने के साथ-साथ उनसे उम्मीद करते हैं कि वह रियो में जिम्नास्टिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनें।

-अनिल नरेन्द्र

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