Saturday, 9 April 2016

पाकिस्तान की पुरानी आदत ः चोरी और सीनाजोरी

पठानकोट हमले की जांच के लिए पिछले दिनों आई पाकिस्तानी टीम द्वारा वापस वतन जाकर दी गई कथित रिपोर्ट से यह प्रश्न उठता है कि भारत सरकार ने आखिर क्या सोचकर इसे पठानकोट बुलाया था? खबरें हैं कि पाक टीम ने अपने यहां जाकर रिपोर्ट दी है कि पठानकोट हमला पाकिस्तान को बदनाम करने के लिए भारत का ड्रामा था। टीम ने कहा कि जांच के दौरान भारत ऐसा कोई सबूत देने में विफल रहा, जिससे साबित हो सके कि वारदात की साजिश पाकिस्तान में रची गई। पाकिस्तान की जांच टीम ने अपने मुल्क लौटने के बाद अभी तक एनआईए से बातचीत नहीं की है। इसलिए भारत सरकार ने तय किया है कि जब तक पाकिस्तान का आधिकारिक बयान नहीं आ जाता, तब तक पाकिस्तानी मीडिया में चल रही खबरों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देगी। अगर मीडिया में आई बातें सही हैं तो यह वाकई चिन्ता की बात है। पठानकोट हमले को लेकर पाक सरकार ने काफी संजीदा रुख दिखाया था। खुद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आश्वस्त किया था कि वे इसकी जांच में पूरा सहयोग करेंगे। इसलिए भारत सरकार ने विपक्ष की आलोचना को दरकिनार करके पाकिस्तानी जांच टीम को पहली बार भारत में आने दिया, पठानकोट एयरबेस का दौरा करने दिया, लेकिन अब जेआईटी का रुख न केवल गैर जिम्मेदाराना लग रहा है बल्कि अपनी दोमुंही बातों की याद ताजा कर दी है। वहीं सरकार के एक सूत्र ने कहा कि पाकिस्तान सरकार के एक समर्थक दैनिक की खबर से केवल यही पता चलता है कि आईएसआई एवं पाकिस्तानी सेना दोमुंही बातें कर रही हैं। पाकिस्तान खुद ही बेनकाब हो गया है। जेआईटी का रुख गैर जिम्मेदाराना लग रहा है। क्या पाकिस्तान ने जो टीम पठानकोट भेजी थी वह सब ड्रामा था जोकि अंतर्राष्ट्रीय दबाव में आकर किया था? क्या वाकई जांच में उसकी दिलचस्पी नहीं है। कहीं ऐसा तो नहीं कि जानबूझ कर जेआईटी की रिपोर्ट पाक मीडिया में लीक की गई ताकि माहौल खराब हो और भारत-पाक शांति वार्ता में रुकावट हो? यह भी तो संभव है कि हम समझौते के तहत पाकिस्तानी जांच टीम के भारत आने के बाद भारत की जांच टीम को पाकिस्तान जाना है और पाकिस्तान इसे रोकना चाहता है और इसलिए यह रिपोर्ट लीक की गई। पाकिस्तान वैसे तो आतंकवाद को अपनी जमीन से खत्म करने, उखाड़ फेंकने की बात अक्सर करता है पर जब कुछ करने की बारी आती है तो कोई न कोई बहाना बनाकर बचने की का]िशश करता है। खैर, पाकिस्तान की दोहरी नीति सारी दुनिया जानती है पर सवाल तो यहां यह है कि भारत सरकार ने क्या सोचकर पाक जांच कमेटी को बुलाया था?

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