Sunday 17 April 2016

एक का स्वदेशी नारा दूसरे का जैविक सहारा बाबाओं की मौज

देश में पैकेज्ड फूड क्षेत्र में 2015 में हमारी देसी कंपनियां विदेशी मल्टीनेशनल फूड्स कंपनियों पर भारी पड़ी हैं। मार्केट रिसर्चर यूरोमानिटर के सर्वेक्षण के अनुसार 2015 में अमूल, मदर डेयरी, ब्रिटानिया, रुचि सोया, पारले प्रॉडक्ट्स जैसी स्वदेशी कंपनियों का दबदबा रहा, जबकि स्विटजरलैंड की बड़ी कंपनी नेस्ले ओवरऑल रैकिंग में पांच पायदान नीचे गिर गई। मार्केट शेयर के लिहाज से केवल तीन मल्टीनेशनल कंपनियांöमोंडेलेज, नेस्ले और पेप्सिको ही टॉप-10 कंपनियों में जगह बना सकीं। स्वदेशी कंपनियों ने डिस्ट्रिब्यूशन बढ़ाने, ग्रामीण इलाकों में पहुंच बनाने और कम कीमत पर छोटे पैक उतारने का फायदा उठाया है। यूरोमॉनिटर के मुताबिक देश का पैकेज्ड फूड मार्केट पिछले कैलेंडर ईयर में 2572 अरब रुपए का था। 2014 से इसमें 14 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है। जब हम स्वदेशी कंपनियों की बात कर ही रहे हैं तो बिजनेसमैन बाबा धर्म अध्यात्म और योग के साथ व्यापार में उतरे बाबाओं के लिए भारत के अंदर एक बड़ा बाजार खुला है। योग गुरु बाबा रामदेव `स्वदेशी अपनाओ' और संत गुरमीत राम रहीम का ः जहर हटाओ, जैविक लाओ के नारे बहुत काम आ रहे हैं। इन ब्रैंड बाबाओं के लिए हरियाणा में कारोबारी परिस्थितियां भी अनुकूल हैं। हरियाणा रामदेव की जन्मस्थली है तो राजस्थान के गंगानगर में जन्में राम रहीम का कर्मक्षेत्र। भक्तों के इस खेल और कारोबार का सियासी कनैक्शन भी मजबूत है। दोनों के भक्तों की बड़ी संख्या इन्हें व्यापार बढ़ाने में मददगार हो रही है। पतंजलि के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि 2006 में शुरू हुई पतंजलि के आज देश में पांच हजार रिटेल स्टोर हैं। इनमें सर्वाधिक एक हजार हरियाणा में हैं। पतंजलि अकेले हरियाणा में 700 करोड़ रुपए का सालाना कारोबार कर रही है। अगले साल पांच हजार करोड़ का निवेश कर कारोबार 10 हजार करोड़ तक पहुंचने का लक्ष्य है। एफएमसीजी कंपनियों की तुलना में पतंजलि और एमएसजी के ज्यादातर उत्पादों की कीमत 15 प्रतिशत तक कम है। एमएसजी ब्रांड (राम रहीम) के प्रवक्ता के अनुसार हरियाणा में 250 से ज्यादा ब्रैंड स्टोर खुल चुके हैं। 300 से ज्यादा डीलर बन चुके हैं। उनका लक्ष्य देश में 1500 स्टोर खोलने का है, बाबा के भक्तों के साथ आम लोग भी उत्पादों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पतंजलि का तो प्रचार भी स्वदेशी भावनाओं के आधार पर रहा है। इनमें जड़ी-बूटियों, जैविक फसलों, गाय-भैंस के दूध शामिल करने का दावा किया जाता है। पतंजलि के 800 प्रॉडक्ट्स की लिस्ट है। मांग बढ़ने के बाद आपूर्ति के लिए आउटसोर्सिंग का सहारा भी लिया जा रहा है। खबर है कि श्री श्री रविशंकर भी श्री श्री उत्पाद के नाम से जल्द बाजार में आने वाले हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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