Sunday 3 April 2016

भारत आतंक के सामने न कभी झुका है न ही झुकेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जब बेल्जियम यात्रा का कार्यक्रम बना, तब यही उम्मीद थी कि ब्रसेल्स में उनका मुख्य जोर भारत को निवेश के अनुकूल स्थान के रूप में पेश करने पर होगा। मगर उनकी यात्रा के एक सप्ताह पहले बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स भीषण आतंकवादी हमले की शिकार बन गई और इसके बाद मोदी को मकसद और प्राथमिकता भी बदलनी पड़ी। जरूरत हो गई कि आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया जाए। ब्रसेल्स के हवाई अड्डे तथा एक मेट्रो स्टेशन पर विस्फोट से मची अफरातफरी के बीच ही यह ऐलान हुआ कि मोदी की यात्रा का कार्यक्रम नहीं बदलेगा। बुधवार को ब्रसेल्स पहुंचने के बाद उन्होंने मालबीक मेट्रो स्टेशन जाकर आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। इसके जरिये उन्होंने आतंकवाद से लड़ाई में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत की एकजुटता का संदेश दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार देर रात ब्रसेल्स की धरती से हजारों भारतीयों को संबोधित करते हुए आतंकवाद पर भारत की जीरो टालरेंस का कड़ा संदेश दिया। उन्होंने पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि भारत 40 साल से आतंकवाद से परेशान है। यह भी कहा कि अच्छा आतंकवाद या बुरा आतंकवाद कुछ नहीं होता। भारत ने युद्ध में जितने जवान नहीं गंवाए उससे ज्यादा जवान आतंकी घटनाओं के शिकार हुए हैं, शहीद हुए हैं। भारत हमेशा चीख-चीख कर आतंकवाद के बारे में दुनिया को आगाह करता रहा, तो दुनिया ने कहा यह आतंकवाद नहीं, लॉ एंड ऑर्डर की समस्या है। जब पूरी दुनिया के पैरों तले धरती हिलने लगी तब दुनिया ने आतंकवाद पर भारत की चिन्ता को माना। 9/11 हमले के बाद दुनिया ने माना कि आतंकवाद बड़ी चुनौती है। पीएम ने कहा कि भारत आतंकवाद के आगे न कभी झुका है और न ही झुकेगा। उन्होंने कहा कि कोई धर्म आतंकवाद नहीं सिखाता। पिछले दिनों दिल्ली में सूफी सम्मेलन के दौरान इस्लामी विद्वानों ने कहा कि आतंकवादी जिस इस्लाम की बात करते हैं, वह इस्लाम नहीं है। पीएम ने कहा कि सिर्प बम, बंदूक और पिस्तौल से आतंकवाद समाप्त नहीं कर सकते। इसके लिए समाज में एक माहौल पैदा करना होगा, जिससे लोगों में जागरुकता पैदा हो सके। आतंकवाद नए युग की चुनौती है। संयुक्त राष्ट्र पर भी निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि विश्व का बड़ा संगठन संयुक्त राष्ट्र भी आतंकवाद की सही परिभाषा आज तक नहीं तय कर पाया। कौन आतंकी है और कौन नहीं, कौन है जो आतंकी संगठनों को धन व अन्य सामग्री मुहैया करवा रहा है आज तक तय नहीं हो पाया। ऐसे माहौल में आतंक से कैसे निपटा जाएगा?

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