नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (नाको) के ताजा
आंकड़ों से पता चलता है कि पूरी दिल्ली में सेक्स वर्पर्स का मकड़जाल फैला हुआ है।
जीबी रोड तो सेक्स वर्पर्स के लिए केवल बदनाम है, असल में पूरी
दिल्ली के अंदर सेक्स वर्पर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। नाको के आंकड़ों की मानें
तो सेक्स वर्पर्स के मामले में दिल्ली अब देश के अंदर पांचवें स्थान पर पहुंच चुकी
है। हालांकि राजधानी में जिस्म फरोशी के धंधे में फंसी सेक्स वर्पर्स की स्थिति अन्य
राज्यों के सेक्स वर्परों के मुकाबले बेहतर मानी जाती है। नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन
की ओर से जारी जानकारियों के अनुसार देशभर के 33 राज्यों में
करीब आठ लाख 57 हजार 850 सेक्स वर्पर्स
रजिस्टर्ड हैं। साथ ही करीब छह लाख 96 हजार 484 सेक्स वर्पर वह हैं जो रजिस्टर्ड नहीं हैं। नाको द्वारा उपलब्ध आंकड़ों को
मानें तो सेक्स वर्पर्स की संख्या के मामले में आंध्र प्रदेश पहले नम्बर पर है। यहां
एक लाख 56 हजार 205 सेक्स वर्पर रजिस्टर्ड
हैं। दूसरे नम्बर पर कर्नाटक है, जहां 96 हजार 57 सेक्स वर्पर काम करती हैं। महाराष्ट्र तीसरे
नम्बर पर 79 हजार 586 सेक्स वर्पर के साथ
है। चौथा नम्बर तमिलनाडु का है जहां 70 हजार 732 सेक्स वर्पर्स काम करती हैं। पांचवां स्थान दिल्ली का है, जहां पर 61 हजार 621 सेक्स वर्पर
जीबी रोड के अलावा विभिन्न इलाकों में काम करती हैं। जीबी रोड पर करीब तीन दशक से काम
करने वाली एनजीओ पतिता उद्धार सभा के अध्यक्ष खैराती लाल भोला के अनुसार दिल्ली का
रेड लाइट इलाका कहे जाने वाले जीबी रोड पर फिलहाल 118 कोठे काम
कर रहे हैं। जिनमें करीब साढे चार हजार सेक्स वर्पर दिन-रात काम
करती हैं। इसके अलावा डेढ़ से दो हजार सेक्स वर्पर ऐसी भी हैं जो दिल्ली के विभिन्न
इलाकों से यहां काम करने आती हैं और शाम को अपने-अपने घरों में
लौट जाती हैं। इसके अलावा कुछ कॉल गर्ल्स भी इस धंधे में लिप्त हैं। सूत्रों की मानें
तो 1990 से 1996 के बीच स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण मंत्रालय द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार देशभर में कुल 1100 रेड लाइट एरिया को इंगित किया गया था। जहां देश के 230 जिलों से लड़कियों को इस धंधे के लिए खरीद-फरोख्त व अपहरण
के अलावा धोखे से लाया जाता था। दिल्ली पुलिस के एक आला अधिकारी की मानें तो पूर्वी
दिल्ली, उत्तर-पूर्वी दिल्ली, नांगलोई, सुल्तानपुरी जैसे इलाकों में जहां छोटे स्तर
पर सेक्स वर्पर लगी हैं वहीं दक्षिण दिल्ली, रोहिणी और पंजाबी
बाग इलाकों में यह धंधा हाई-प्रोफाइल तरीके से चल रहा है।
-अनिल नरेन्द्र
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