Tuesday 26 April 2016

कांग्रेस के भगवा आतंकवाद की निकलती हवा

कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इशरत जहां मामले के बाद समझौता धमाके मामले में एक नए खुलासे से कांग्रेस एक बार फिर बैकफुट पर आने पर मजबूर है। दरअसल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि समझौता एक्सप्रेस धमाके मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ कोई सबूत ही नहीं है और न ही पुरोहित को कभी आरोपी बनाया गया था। बावजूद इसके पुरोहित का नाम जानबूझ कर मामले में घसीटा गया। एनआईए ने कहा है कि हालांकि पुरोहित के खिलाफ मालेगांव धमाका मामले में जांच अभी जारी है। बता दें कि 18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत के पास अटारी एक्सप्रेस (समझौता एक्सप्रेस) में हुए बम धमाकों में आठ लोगों को आरोपी बनाया गया था। इन धमाकों में 68 लोगों की जान चली गई थी। एनआईए निदेशक शरद कुमार ने कहाöसमझौता धमाका मामले में कोई सबूत नहीं है। पुरोहित कभी आरोपी था ही नहीं। मुझे हैरानी है कि उसका नाम समझौता धमाका मामले से क्यों जोड़ा गया? कर्नल पुरा]िहत ने इस महीने के शुरू में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को पत्र लिखकर कहा कि उनके खिलाफ इस मामले में कोई सबूत नहीं है, इसके बावजूद बेवजह उन्हें जेल में बंद रखा गया है। ऐसे में उन्हें रिहा किया जाए और साथ ही उनका सम्मान, पदवी और वेतन सभी बहाल किए जाएं। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने गुरुवार को माना कि उन्होंने सेना से कहा है कि लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को सभी दस्तावेज मुहैया करवाए जाएं जो उन्होंने मांगे हैं ताकि मालेगांव विस्फोट मामले में खुद को निर्दोष साबित कर सकें। पर्रिकर ने कहा कि मामला अदालत में है और वे मामले के गुण-दोष पर निर्णय नहीं कर सकते। भगवा आतंकवाद मामले में कांग्रेस ने बड़े जोर से हल्ला मचाया था। हकीकत कुछ और ही है। अक्तूबर 2007 में हुए अजमेर दरगाह ब्लास्ट और फरवरी 2007 में समझौता ब्लास्ट मामले में कांग्रेसी अभियान की हवा निकलती जा रही है। इन दोनों मामलों में अब तक 40 गवाह अपने बयान से मुकर चुके हैं। गवाहों के पलटने का यह सिलसिला 2014 में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद शुरू हुआ। ऐसा ही एक जबरन बनाया गया केस साध्वी प्रज्ञा का भी है जिन्हें बिना वजह, बिना किसी ठोस सबूत के जेल में बंद कर रखा है। हालांकि वह बुरी तरह पीड़ित हैं फिर भी उनको जमानत नहीं दी जा रही है। गवाहों का कहना है कि पहले उन्होंने दबाव में बयान दिया था। बदले बयान में स्वामी असीमानंद को भी निर्दोष बताया गया है। कांग्रेस की भगवा आतंकवाद के झूठे आरोप की हवा निकल रही है।

-अनिल नरेन्द्र

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