Thursday, 3 December 2020
एशिया में सबसे ज्यादा रिश्वत की दर भारत में है
भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की एक नई रिपोर्ट के अनुसार एशिया में सबसे ज्यादा रिश्वत दर भारत में है और सार्वजनिक सेवाओं का उपयोग करने के लिए व्यक्तिगत संपर्कें का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या भी यहीं सबसे अधिक है। ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर (जीटीबी) एशिया के अनुसार रिश्वत देने वालों में से लगभग 50 प्रतिशत से ऐसा करने को कहा गया था, वहीं निजी संपर्कों का उपयोग करने वालें में से 32 प्रतिशत का कहना था कि रिश्वत नहीं देने पर उन्हें सेवा प्राप्त नहीं होगी। यह रिपोर्ट उस सर्वेक्षण पर आधारित है जो इस वर्ष भारत में 17 जून से 17 जुलाई के बीच किया गया था और इसमें 2,000 लोगों को शामिल किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र में रिश्वत देने की उच्चतम दर (39 प्रतिशत) के साथ-साथ भारत में उन लोगों की संख्या भी सबसे अधिक (46 प्रतिशत) है, जो लोक सेवाओं का उपभोग करने के लिए उनकी निजी संपर्कों का उपयोग करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, राष्ट्रीय और राज्य सरकारों को लोक सेवाओं के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार लाने, रिश्वत खोरी और भाई-भतीजावाद पर काबू करने के लिए निवारक उपायों को लागू करने तथा आवश्यक लोक सेवाओं को जल्दी व प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए लोगों के अनुकूल ऑनलाइन प्लेटफार्मों में निवेश करने की आवश्यकता है। इसमें कहा गया है कि भ्रष्टाचार पर काबू के लिए ऐसे मामलों की जानकारी देना महत्वपूर्ण है लेकिन भारत में ज्यादातर नागरिकों (63 प्रतिशत) का मानना है कि अगर वे भ्रष्टाचार की रिपोर्ट करेंगे तो उन्हें बदले की कार्रवाई का तो अलग सामना करना पड़ेगा पर साथ-साथ वह काम कभी नहीं होगा। रिपोर्ट के अनुसार भारत, मलेशिया, थाइलैंड, श्रीलंका और इंडोनेशिया सहित कई देशों में यौन उत्पीड़न की दर भी अधिक है और खासकर अफसर पर भ्रष्टाचार पर काबू के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है। भारत में 89 प्रतिशत लोगों को लगता है कि सरकारी भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है, 18 प्रतिशत प्रतिभागियों को वोट के बदले रिश्वत की पेशकश की गई। सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से लगभग 63 प्रतिशत लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सरकार अच्छा काम कर रही है, वहीं 73 प्रतिशत लोगें ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियां भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अच्छा काम कर रही हैं। यह अध्ययन 17 देशों में किया गया और इसमें कुल मिलाकर करीब 20,000 नागरिकों को शामिल किया गया। रिपोर्ट के अनुसार भारत के बाद दूसरा स्थान कंबोडिया का है, जहां यह दर 37 प्रतिशत है। इसके बाद इंडोनेशिया (30 प्रतिशत) का स्थान है। मालदीव और जापान सबसे कम रिश्वत पर (2 प्रतिशत) हैं जबकि दक्षिण कोfिरया में यह दर 10 प्रतिशत और नेपाल में 12 प्रतिशत है। पहले के मुकाबले भारत में रिश्वत खोरी बढ़ती जा रही है। छोटे-छोटे प्रशासनिक काम से लेकर बड़े-बड़े ठेके सब रिश्वत के बल पर चलते हैं। पूरा सिस्टम ही करप्ट हो गया है। मारता तो छोटा तबका है जिसे छोटे-छोटे काम के लिए भी रिश्वत देनी पड़ती है। हमें उम्मीद थी कि रिश्वत का यह सिलसिला कम होगा पर यह तो पैर पसारता ही जा रहा है।
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